मुरैना। प्रदेश सरकार द्वारा तहसील स्तर पर न्यायिक और गैर-न्यायिक कार्यों का विभाजन किए जाने के विरोध में गुरुवार को मुरैना जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल पर रहे। यह हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही, जब अधिकारी टेंट लगाकर धरने पर बैठ गए। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
अव्यवहारिक बताया गया कार्य विभाजन
राजस्व विभाग ने हाल ही में एक आदेश जारी कर तहसीलदारों को दो श्रेणियों में विभाजित किया है कृ एक वर्ग को केवल न्यायिक कार्य और दूसरे को केवल फील्ड (गैर-न्यायिक) कार्य सौंपे गए हैं। तहसीलदारों का कहना है कि यह निर्णय अव्यवहारिक है और इससे प्रशासनिक संतुलन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
मुख्य सचिव के नाम सौंपा ज्ञापन
तहसीलदारों ने मुरैना कलेक्टर को मुख्य सचिव के नाम एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने न्यायिक व गैर-न्यायिक कार्यों का संतुलनपूर्ण वितरण, वेतनमान में सुधार, पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि, तथा कार्यभार में कमी जैसी मांगें रखी हैं।
डिजिटल साइन और विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप से किनारा
आंदोलन के तहत अधिकारियों ने डिजिटल हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया है, व्हाट्सएप ग्रुप छोड़ दिए हैं, और विभागीय वाहन भी लौटा दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे सिर्फ आपदा प्रबंधन से संबंधित कार्य करेंगे, अन्य सभी प्रशासनिक जिम्मेदारियों से अलग रहेंगे।
जनता को भारी परेशानी
हड़ताल का सीधा असर आम जनता पर पड़ा है। भूमि नामांतरण, बंटवारा, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण कार्य पूरी तरह ठप रहे। इससे किसानों, छात्रों और कमजोर वर्ग के लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की चुप्पी
फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। तहसीलदारों ने चेतावनी दी है कि जब तक मांगें नहीं मानी जातीं, उनका आंदोलन जारी रहेगा।