मंदसौर। कलेक्टर अदिती गर्ग की अध्यक्षता में जिला उद्योग संवर्धन बोर्ड की बैठक सुशासन भवन स्थित सभागृह में संपन्न हुई। बैठक में औद्योगिक क्षेत्र शामगढ़ एवं पानपुर में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने तथा ऑनलाइन माध्यम से भूखंड आवंटन संबंधी विषय पर विस्तार से चर्चा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्रों में सभी मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़क आदि प्राथमिकता से उपलब्ध कराई जाएं। औद्योगिक क्षेत्र शामगढ़ में न्यूनतम 500 वर्ग मीटर से अधिकतम 1500 वर्ग मीटर के कुल 302 भूखंड तथा पानपुर औद्योगिक क्षेत्र में न्यूनतम 500 वर्ग मीटर से अधिकतम 9000 वर्ग मीटर के कुल 68 भूखंड तैयार किए गए हैं। बैठक में मंदसौर विधायक विपिन जैन, सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग, उद्योग विभाग के महाप्रबंधक मंगल रायकवार एवं जिले के उद्योगपति उपस्थित रहे। ई-बिडिंग से होगा भूखंड आवंटन सभी विकसित एवं विकसित किए जाने वाले औद्योगिक क्षेत्रों में भूखंडों का आवंटन "ई-बिडिंग" प्रक्रिया से राज्य शासन द्वारा निर्धारित पोर्टल mpmsme.gov.in के माध्यम से किया जाएगा। भूमि आवंटन हेतु पात्र इकाइयों को निर्धारित आवेदन प्रपत्र, चेकलिस्ट अनुसार अभिलेख एवं 5,000 रुपये आवेदन शुल्क जमा कर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इकाई को प्रचलित प्रीमियम का 25 प्रतिशत अग्रिम राशि जमा करनी होगी। आवेदन शुल्क वापसी योग्य नहीं होगा। प्रथम वर्ष में अनुसूचित जाति एवं जनजाति उद्यमियों हेतु 20 प्रतिशत भूखंड आरक्षित रहेंगे। अविकसित भूमि का आवंटन अविकसित भूमि का आवंटन केवल मध्यम उद्योगों को किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में लघु उद्योगों को भूमि देने हेतु शासन से प्रशासकीय स्वीकृति आवश्यक होगी। संबंधित जानकारी विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी। जिले में नई भूमि चिन्हित जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र, मंदसौर द्वारा जिले में विभिन्न ग्रामों में नवीन औद्योगिक क्षेत्र/मध्यम उद्यम हेतु भूमि चिन्हित की गई है : ग्राम डिंगाव माली – 11.41 हेक्टेयर ग्राम निनोरा – 11.35 हेक्टेयर ग्राम सेमली काकड़ – 10 हेक्टेयर ग्राम सेमली संकर – 10 हेक्टेयर ग्राम भूखी – 1.6 हेक्टेयर ग्राम मल्हारगढ़ – 3.7 हेक्टेयर ग्राम गुराड़िया देदा – 2.4 हेक्टेयर ग्राम खत्रूखेड़ी – 72.49 हेक्टेयर उद्योगपतियों के सुझाव बैठक के दौरान उद्योगपतियों ने सुझाव दिया कि पानपुर औद्योगिक क्षेत्र में अधिकतर प्लॉट साइज 5000 वर्ग मीटर का रखा जाए तथा सभी औद्योगिक क्षेत्रों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से स्थापित किया जाए। साथ ही, बिजली एवं पानी की सुविधाओं को और मजबूत करने पर बल दिया गया।