मंदसौर। मंदसौर गौरव महोत्सव के अंतर्गत महाराणा प्रताप चौराहा (बस स्टैंड) से ऐतिहासिक स्थल सौंधनी तक एक ऐतिहासिक साइकिल रैली का आयोजन किया गया। रैली को नगरपालिका अध्यक्षा रमादेवी बंशीलाल गुर्जर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर कलेक्टर गौतम सिंह, पुलिस अधिक्षक अनुराग सुजानिया, नगर पालिका उपाध्यक्षा नम्रता प्रितेश चावला, पार्षद गण, बड़ी संख्या में युवा, जवान, अधिकारी, कर्मचारी, स्कूल के बच्चे, एनसीसी के बच्चे, कैडेट्स, स्काउट गाइड के बच्चे आम नागरिक, पत्रकार शामिल हुए। साइकिल रैली महाराणा प्रताप बस स्टैंड से प्रातः 8रू30 बजे निकली जोकि सौंधनी विजय स्तंभ पर पहुंची।
इस अवसर पर कलेक्टर सिंह ने कहा कि नगर की स्थापना ताम्राश्म काल (2000 ई. पूर्व) में हो चुकी थी। अभिलेखिक साक्ष्यों के आधार पर ईसा से लगभग 200 वर्ष पहले इस नगर का नामकरण श्दशपुरश् के रूप में हो चुका था। इसका प्राचीनतम प्रमाण अवलेश्वर के स्तम्भ अभिलेख में मिलता हैा प्राचीन दशपुर के साहित्यिक प्रमाण भी उपलब्ध है और अभिलेखिक साक्ष्यों की कमी नहीं है। इस क्षेत्र में औलिकर राजवंश का साम्राज्य था व दशपुर इनकी राजधानी थी। प्राचीनकाल में युद्ध विजय का पहला विशाल कीर्ति स्तम्भ पहली बार दशपुर में ही बना। यहां के अभिलेखों में गगनचुम्बी इमारतों व मेघों को रोकने वाले उच्च शिखरयुक्त देवालयों का उल्लेख उस युग में मिलता है। जब भारत के अन्य क्षेत्रों में ये विधाएं अज्ञात ही थी। महाकवि कालिदास ने अपने मेघदुत में इस नगर का स्मरण कर इसे तत्कालीन भारत के अति महत्वपुर्ण नगर के रूप में रेखांकित किया है।