चित्तौड़गढ़। शिवसेना ने मुख्यमंत्री से शहर में महाराणा प्रताप सेतु मार्ग, सिटी मोक्ष के पास स्थित वर्षों से राजनीतिक उपेक्षा का शिकार हो रहे शिवाजी सर्किल की तुरन्त सुध लेकर समुचित विकास कराये जाने की मांग की।
शिवेसना के जिला प्रमुख गोपाल वेद ने बताया कि नगर परिषद के तत्कालीन भाजपा एवं मौजूदा कांग्रेस के बोर्ड द्वारा महाराणा प्रताप सेतु मार्ग पर सिटी मोक्षधाम के पास स्थित शिवाजी सर्किल पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा लगवा कर इसका समुचित विकास कराये जाने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर बजट भी आवंटित किया गया था, जिसकी राजनैतिक उपेक्षा के चलते क्रियान्विति नहीं होने से यह ठण्डे बस्ते में दफन होकर रह गया।
वेद ने बताया कि मौजूदा कांग्रेस के नगर परिषद बोर्ड द्वारा शहर के विभिन्न चौराहों, पार्कों तथा सार्वजनिक स्थलों का विभिन्न महापुरुषों के नाम पर नामकरण कर उनका विकास कर दिया, किन्तु इनमें छत्रपति शिवाजी के नाम वाले शिवाजी सर्किल को विकास कार्य से अछूता छोड़ दिया गया, जिसके पीछे सत्तारूढ़ दल के नेताओं एवं जनप्रतिनिधियों की दुर्भावना है। शिवसेना प्रमुख ने बताया कि यह शिवाजी सर्किल करीब 15-20 वर्षों से उपेक्षा का शिकार हो रहा है, जिसकी मौजूदा तत्कालीन कांग्रेस एवं भाजपा के किसी भी जनप्रतिनिधि ने सुध नहीं ली।
वेद ने राजस्थान के जनप्रिय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मंगलवार को अपनी चित्तौड़गढ़ की प्रस्तावित यात्रा के दौरान राजनीतिक उपेक्षा का शिकार हो रहे शिवाजी सर्किल की सुध लेकर इसका समुचित विकास कार्य करा कर यहां पर शिवाजी की प्रतिमा स्थापित कराये जाने के लिए निर्देश प्रदान किये जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत की यात्रा के दौरान अन्य लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रमों में छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम से उपेक्षा का शिकार हो रहे इस सर्किल की भी सुध ले ली जाती है तो यह सोने पे सुहागा होगा।
शिवसेना जिला प्रमुख ने कहा कि शिवसेना अब इस सर्किल की राजनीतिक उपेक्षा को सहन नहीं करेगी तथा शीघ्र ही प्रशासन एवं नगर परिषद द्वारा इसकी सुध नहीं ली गई तो धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।