नीमच। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने मध्यप्रदेश में प्रवेश कर लिया है। मध्यप्रदेश में प्रवेश के साथ ही यात्रा में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि प्रदेश में प्रवेश करते समय यात्रा 5 किलोमीटर लंबी रही। यहां पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने यात्रा का भव्य स्वागत किया। हिंदी इलाके में भारत जोड़ो यात्रा में प्रियंका गांधी भी शामिल होने होने जा रही है।
मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस को वापस सत्ता में आने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ेगी। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के लिए यात्रा एक आजमाया हुआ पुराना रामबाण नुस्खा है। 4 साल पहले इसी मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह की नर्मदा यात्रा से शिवराज सरकार का तख्ता पलट किया गया था। दिग्विजय सिंह भारत जोड़ो यात्रा में पहले दिन से ही राहुल गांधी के साथ है। वह यात्रा के संयोजक भी है। यात्रा जिस जोश खरोश से मध्यप्रदेश में दाखिल हुई है वह कांग्रेस के लिए बेहतर उम्मीद जगाती है। इस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया के बारे में भी चर्चा कर ली जाए। यह विचारणीय जरूर है कि यदि सिंधिया इस वक्त कांग्रेस में होते तो यात्रा के राज्य में प्रवेश करते समय उनका जलवा गजब का होता। ज्योतिरादित्य सिंधिया को माहौल बनाने में महारत हासिल रही है। हालांकि सिंधिया की जो धमक कांग्रेस में थी, ऐसी भाजपा में नहीं है। वे आलाकमान के आस-पास रहते थे। भाजपा में उन्हें यह हैसियत हासिल नहीं है। महाराजा सिंधिया उस खास रूतबे को कभी नहीं भूल सकते जो उन्हें कांग्रेस में हासिल था। खैर कांग्रेस के लिए यह राहत की बात जरूर है कि मध्यप्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया के जाने के बाद किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं हैं। इस समय राहुल गांधी सिंधिया के गृह प्रदेश में आ रहे हैं। यदि मालवा के कांग्रेसी नेताओं की प्रतिक्रिया पर गौर करें तो स्पष्ट तौर पर नजर आता है कि यहां कांग्रेसी खुश है।
उनका कहना है कि सिंधिया के ना होने से यहां कांग्रेस एक है और कोई गुटबाजी नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ है, और प्रदेश कांग्रेस वही चला रहे हैं। दिग्विजयसिंह कार्यकर्ताओं में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। वह आम कार्यकर्ताओं के लिए सहजता और सुलभता से उपलब्ध हो जाते हैं। कमलनाथ ने विधानसभा चुनाव से पहले ही खुद को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करवा रखा है ऐसा कहने में कोई अतिशयोक्ति नहीं होनी चाहिए। दिग्विजय सिंह ने भी कभी इस बात पर असहमति नहीं जताई, ना ही आपत्ति व्यक्त की। दिग्विजय के अलावा राज्य में कोई और नेता इतना बड़ा जनाधार भी नहीं रखता कि उसकी सहमति या असहमति का कोई असर हो। इसलिए इस समय देश में मध्यप्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस पूरी तरह से गुटबाजी से दूर है। इसीलिए मध्यप्रदेश में भारत जोड़ों यात्रा को लेकर कांग्रेसी एकजुट होकर पूरे उत्साह से यात्रा के साथ जुड़ रहे हैं, उसका स्वागत कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल पहले भारत जोड़ो यात्रा मध्यप्रदेश में भाजपा के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रही है। भाजपा को इस समय लगातार गुटबाजी का भी सामना करना पड़ रहा है। इस बात को अच्छी तरह समझ कर कांग्रेसी एकजुट होकर इस यात्रा के माध्यम से प्रदेश में अपने कार्यकर्ताओं में जान फूंकने की पूरी कवायद में लगी है। यदि भारत जोड़ो यात्रा में सब कुछ ठीक ठाक चला तो भाजपा को कड़े मुकाबले के लिए तैयार रहना चाहिए।