नीमच। साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक संस्था कृति के कृति उत्सव के अंतर्गत हुए सुरबहार कार्यक्रम में प्रख्यात गजल गायक शालीन सातपुते ने गजलों का जो जादू बिखेरा लोग वाह-वाह कर साथ-साथ गाने लगे द्य चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है ,चांदी जैसा रंग है तेरा सोने जैसे बाल ,चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला ,बहुत खूबसूरत है मेरा सनम खुदा ऐसे मुखड़े बनाता है कम ,गजलों का यह सफर देर रात तक चलता रहा श्रोताओं की फरमाइशों का दौर भी चलता रहा द्य रत्ना घाटे ने सालोना सा सजन है और मैं हूं, और कभी कहा न किसी को मेरे फसाने से महफिल को मुलामियत का एहसास कराया तो उभरती गायिका अनन्या द्विवेदी ने यही वफा का सिलसिला है तो कोई बात नहीं , हम नवा मुझसे दोस्त बनकर दगा ना दे से गजलों की दुनिया में अपनी दस्तक दी, संगत कलाकार तबले पर संजय राठौर ग्वालियर , विनय राठौर रतलाम, कीबोर्ड पर दिलीपराव भीलवाड़ा ने सुरों की ताल में ताल मिला कर श्रोताओं को बांधने का कार्य किया द्य कार्यक्रम के प्रारंभ में संगीत की देवी मां सरस्वती के पूजा अर्चना से हुआ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर एलबीएस चौधरी का स्वागत संस्था के अध्यक्ष भरत जाजू व कार्यक्रम संयोजक सत्येंद्र सिंह राठौड़ ने किया कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पर्यावरणविद जगदीश शर्मा का स्वागत सचिव कमलेश जायसवाल व कार्यक्रम के संयोजक डॉ अक्षय पुरोहित ने किया सभी कलाकारों का स्वागत राजेश जायसवाल महेंद्र त्रिवेदी अजय राणावत, सत्येंद्र सक्सेना पुष्पलता सक्सेना ,डॉ निर्मला उपाध्याय ने किया कार्यक्रम का संचालन ओमप्रकाश चौधरी ने किया इस अवसर पर प्रकाश भट्ट डॉक्टर पृथ्वी सिंह वर्मा आशा सांभर कपिल सिंह चौहान, रघुनंदन पाराशर डॉ माधुरी चौरसिया कामरेड शैलेंद्र सिंह ठाकुर अनिल चौरसिया उमराव सिंह गुर्जर जम्बू कुमार जैन आदि कई संगीत प्रेमियों से टाउन हॉल भरा हुआ था।