चित्तौड़गढ़। ब्रह्माकुमारीज़ प्रताप नगर सेवा केंद्र पर संस्था की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी का तृतीय पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रिटायर रेलवे प्रबंधक सुभाष पुरोहित, मनोज गुप्ता बालकिशन रामेश्वर बीके आशा दीदी, अनीता दीदी गीता बहन आदि ने दादी को याद कर पुष्प अर्पित किये। बीके आशा दीदी ने बताया कि दादी पुरे विश्व की दादी थी।
उन्होंने संपूर्ण विश्व में परमात्मा ज्ञान का प्रकाश फैलाया। दादी का जीवन दिव्य और अलौकिक था ,दुखी, अशांत, परेशान मनुष्य उनके सामने आती अनोखी शांति का अनुभव कर समाधान स्वरूप बन जाते थे । दादी परमात्म कार्य में सदा निश्चय व निर्भयता से आगे बढ़ती ही रही । उनके जीवन से प्रेरणा पाकर अनेकों ने अपने जीवन को परमात्म कार्य मे समर्पित किया । दादी हमेशा कहती थी जीवन में सब कुछ चला जाए पर खुशी नहीं जाए, खुशी जैसी खुराक नहीं ,अगर खुशी है तो सब कुछ है, खुशी से हमें अपने जीवन में सब कुछ द्वारा प्राप्त हो जाता है।
विश्व के वैज्ञानिकों ने दादी पर परीक्षण कर उन्हें विश्व की सबसे स्थिर मन वाली महिला घोषित किया । दादी ने 104 वर्ष की उम्र होते हुए भी सदा उमंग उत्साह से सेवाएं की स वे सदा सबका उमंग उत्साह और मनोबल बढ़ाती थी । इतनी बड़ी संस्था की मुख्य प्रशासिका होते हुए भी सदा न्यारी और हल्की रही उन्होंने एक पाठ सदा सब को पढ़ाया कि हम सभी उस एक पिता की संतान ओर विश्व हमारा परिवार है । वे सदा कहती थी यह भगवान का कार्य है और वही हमसे करवा रहा है । हम तो केवल निमित्त मात्र हैं । 2008 में चित्तौड़ सेवा केंद्र पर दादी के पावन कदम पड़े थे , 104 वर्ष की आयु में 27 मार्च 2020 को दादी जानकी ने अपना पुराना शरीर छोड़ परमात्मा की गोद में चली गई ।