नीमच। माता-पिता बेटी को शिक्षा के साथ सुसंस्कार भी सिखाए। मुस्कान नारी का बड़ा श्रृंगार होता है। विषम परिस्थितियों में भी नारी सदैव मुस्कुराती रहे तो उसके परिवार में सुख समृद्धि हो सकती है नारी सर्जन का मूल है। नारी को पर्दे में ही रहना चाहिए, क्योंकि जिस प्रकार सोना बहुमूल्य होता है तो उसे हर आदमी लॉकर में रखता है। इसी प्रकार नारी धरती पर बहुमूल्य है तो उसे भी लॉकर में संभाल कर रखना चाहिए। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा नारी के सम्मान की आदर्श शिक्षा देती है।
यह बात बालाजी कुड़ी मंदिर सेवा विकास समिति, कानाखेड़ा, बिजलवास बामनिया, रातड़िया के तत्वावधान में हनुमान जयंती के उपलक्ष में विशाल मेला धर्मसभा में शनिवार एक अप्रैल को विश्वनाथ गुरुकुल उज्जैन वाले कथा प्रवक्ता भागवताचार्य, व्याकरण आचार्य श्री रामानंद शास्त्री ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार नमक सड़क पर खुला रखे सकते हैं। कभी चोरी नहीं होता है। नारी सृजन का मूल है।जिसके घर में बेटियों का जन्म होता है वहां पुण्य आत्मा है ।वहां भगवान आ सकते हैं।यदि भाग्य से किसी के घर में बेटी जन्म नहीं लेती है तो बेटी को गोद लेकर कन्यादान विवाह का पुण्य अर्जित करना चाहिए जिस परिवार में नारी का सम्मान होता है वहां देवता रहते हैं। यज्ञ सनातन धर्म का मूल आधार है। संसार में रहते हुए प्रत्येक मनुष्य को धर्म और कानून का पालन करना चाहिए तभी वह सम्मान के साथ जीवन जी सकें। भागवत कथा परिसर में मेला भी स्थापित किया गया है जिसमें मनोरंजन के लिए झूला चकरी भी स्थापित की गई है और अनेक स्थानों पर खिलौने आदि की बिक्री के लिए टेंट की दुकानें भी सजाई गई।नन्ने मुन्ने बच्चों ने मेले में मनोरंजन का आनंद लिया। भागवत कथा में रातडिया ,बीजलवास बामनिया, कान्हा खेड़ा आदि क्षेत्र 3 गांव के गणमान्य लोग सहभागी बने।
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा मार्च से 6 अप्रैल तक प्रतिदिन दोपहर 12ः15 से 4.15 बजे तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित होगी।
इस अवसर पर पंडित राम बिहारी जोशी, पंडित राजेश शर्मा द्वारा अक्षत अन्न से स्वास्तिक रंगोली बनाकर पूजा अर्चना कर देव आव्हान किया गया। भागवत कथा परिसर में मेला भी स्थापित किया गया है जिसमें मनोरंजन के लिए झूला चकरी भी स्थापित की गई है और अनेक स्थानों पर खिलौने आदि की बिक्री के लिए टेंट की दुकानें भी सजाई गई।नन्ने मुन्ने बच्चों ने मेले में मनोरंजन का आनंद लिया। भागवत कथा में रातडिया ,बीजलवास बामनिया, कान्हा खेड़ा आदि क्षेत्र 3 गांव के गणमान्य लोग सहभागी बने थे।
श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा 6 अप्रैल तक प्रतिदिन दोपहर 12ः15 से 4.15 बजे तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित होगी।