नीमच। श्रीमद् भागवत ज्ञान बिना आत्मा का कल्याण नहीं पता होता है ।श्री कृष्ण ने जो कहा वह करना चाहिए। राम ने जो किया वह करना चाहिए। श्री कृष्ण योगी पुरुष, श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम थे। आज्ञा का पालन करने के लिए वनवास को जीवन में आत्मसात किया।और संसार को आदर्श का संस्कार दिया।
यह बात बालाजी कुड़ी मंदिर सेवा विकास समिति, कानाखेड़ा ,बिजलवास बामनिया, रातड़िया के तत्वावधान में हनुमान जयंती के उपलक्ष में विशाल मेला धर्म सभा में विश्वनाथ गुरुकुल उज्जैन वाले कथा प्रवक्ता भागवताचार्य, व्याकरण आचार्य श्री रामानंद शास्त्री ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि जीवन यापन करने के लिए मनुष्य निरंतर झूठ बोलता है। लेकिन अपने स्वार्थों के दूसरों को धोखा देकर आगे नहीं बढना चाहिए।जो दूसरों को धोखा देते हैं भाग्य उसको धोखा देता है। रामायण अध्यात्म का परिचायक है जिसमें कौशल्या ज्ञान ,सुमित्रा उपासना ,केकई क्रिया का प्रतीक है।राम का चरित्र जीवन में अनुसरण करना चाहिए। व्यक्ति को धरातल को नहीं भूलना चाहिए चाहिए हम कितनी ऊंचाई पर चले जाए। जाती पाती ऊंच-नीच का भेदभाव के त्याग बिना जीवन में विकास नहीं होता है।भागवत कथा परिसर में मेला भी स्थापित किया गया है जिसमें मनोरंजन के लिए झूला चकरी भी स्थापित की गई है और अनेक स्थानों पर खिलौने आदि की बिक्री के लिए टेंट की दुकानें भी सजाई गई।नन्ने मुन्ने बच्चों ने मेले में मनोरंजन का आनंद लिया। भागवत कथा मेघ् रातडिया ,बीजलवास बामनिया, कान्हा खेड़ा आदि क्षेत्र 3 गांव के गणमान्य लोग सहभागी बने, नन्ने मुन्ने बच्चों ने मेले में मनोरंजन का आनंद लिया। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा 6 अप्रैल तक प्रतिदिन दोपहर 12ः15 से 4.15 बजे तक श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रवाहित हो रही है।