नीमच। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो इन दिनों मालवा व मेवाड़ के काश्तकारों की अफीम का तौल कर रहा है। नीमच, मंदसौर, रतलाम व चित्तौड़गढ़ जिले के किसानों की अफीम के तोल का कार्य चल रहा है। सीपीएस पद्धति के किसानों के डोडों का तोल भी शुरू हो गया है। विभाग इस तोल के बाद अफीम की गाढ़ता का रिजल्ट भी वेबसाइट पर अपडेट कर रहा है।
नीमच में 1 अप्रैल से काश्तकारों की अफीम का कनावटी रोड के नवनिर्मित मेडिकल कॉलेज के सामने स्थित होटल आम्रपाली रिसोर्ट में तोल किया जा रहा है। इस वर्ष अफीम एवं क्षारोद कारखाना ने किसानों की अफीम की गाढ़ता परीक्षण का परिणाम स्पष्ट करने के लिए नई तकनीक अपनाई है। इस तकनीक से किसान भी स्वयं अपनी अफीम की गाढ़ता की स्थिति का पता कर सकते हैं। अफीम काश्तकारों ने भी परिणाम स्पष्ट होने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि नई व्यवस्था व गाढ़ता का रिजल्ट ऑनलाइन अपडेट होने से भ्रष्टाचार करने वालों पर लगाम लगी है। किसानों के साथ होने वाली लूट भी बंद हो गई है। नई व्यवस्था से सभी काश्तकारों में खुशी है।
अफीम फैक्टरी के जीएम नरेश बुन्देल ने बताया कि वर्तमान में अफीम की सैम्पलिंग का काम चल रहा है। जैसे-जैसे परिणाम आ रहे हैं उन्हें विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है। काश्तकार स्वयं भी अपनी अफीम की स्थिति को वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं। नीमच व मंदसौर डिविजन व रतलाम के जावरा में 8 अप्रैल को किए गए 2000 किसानों की अफीम के परीक्षण का रिजल्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
कारखाना के जीएम नरेश बुन्देल ने बताया कि पिछले साल की तरह इस साल भी ओपियम कंटेनर ट्रेकिंग एप्लिकेशन यानी ओसीटीए का प्रयोग किया जा रहा है। इसमें अफीम किसान का कंटेनर जब फैक्ट्री में आता है तो किसी को पता नहीं चलता की इस कंटेनर में किस किसान की अफीम है। यह सॉफ्टवेयर क्यूआर कोड और ब्लॉक चेन आधारित बनाया गया है जो समूची प्रणाली को पूरी तरह से गोपनीय एवं पारदर्शी बनाता है।