नीमच। पिछले दिनों बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से नीमच जिले में भी कई किसानों की फसलें बर्बाद हुई। सबको दिखाई दे रहा था कि खेतों में खड़ी गेंहू, चना, अलसी और अन्य फसलें चौपट हो गई है। लेकिन तब तो आनन फानन में भाजपा के जनप्रतिनिधियों और मुख्यमंत्री तक ने किसानों के खेतों में जाकर सांत्वना देते हुए फोटो खिंचवा लिए, लेकिन उसके बाद आज दिन तक किसान की तरफ किसी ने पलट कर नहीं देखा। इस आशय का आरोप लगाते हुए किसान नेता एवं अभा कांग्रेस कमेटी के सदस्य उमरावसिंह गुर्जर ने भाजपा की सरकार और जनप्रतिनिधियों को कटघरे में खड़ा किया है।
गुर्जर ने कहा कि ओलावृष्टि और बारिश के कारण खराब हुई फसलो को लेकर जब किसान मदद की गुहार लगाने लगे तो सरकार की तरफ से और यहां तक कि जनप्रतिनिधियों ने भी घोषणाएं कर दी कि प्रशासन की टीमें तत्काल सर्वे करेंगी और थोड़ी भी फसल खराब हुई तो आर्थिक मदद दी जाएगी। लेकिन आज तक किसान इंतजार ही कर रहे हैं कि कोई उनके खेतों पर सर्वे करने कब पहुंचेगा, या यदि सरकार की नजर में सर्वे हो गया तो उसका परिणाम क्या रहा। जिनकी फसलें बर्बाद हुई वे मुआवजे की राह ही देख रहे हैं।
किसान नेता गुर्जर ने कहा कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान नीमच आये थे वे मंच पर घूम-घूम कर कहते रहे कि किसान भाईयों परेशान होने की जरूरत नहीं है, सरकार मदद के लिए खड़ी है। एक विधायक ने तो अपने भाषण में ही मुख्यमंत्री से खेतों का तत्काल सर्वे और किसानों के लिए मुआवजे की मांग कर दी थी, मुख्यमंत्री ने भी जवाब में बड़ा आश्वासन दिया। लेकिन आज तक किसान सर्वे और मुआवजे का इंतजार ही कर रहे हैं। इसके विपरित कांग्रेस सरकार के अल्प कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जो घोषणा की थी उसके मुताबिक कुर्सी पर बैठते ही किसानों का कर्जा माफ कर देश में उदाहरण पेश किया। किसानों के लिए भाजपा की सरकार निर्मोही साबित हुई है। इसका जवाब आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा को जरूर मिलेगा।