कंजार्डा। ग्राम भारती द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर कंजार्डा में पुरस्कार वितरण एवं परीक्षा परिणाम की घोषणा की गई। पुरस्कार प्राप्त कर नन्हे नन्हे बच्चों के चेहरे पर खुशियां देखी गई वर्षभर गतिविधियों में भाग लेकर अपनी कला का प्रदर्शन किया विद्यालय द्वारा पारितोषिक देकर उन्हें सम्मानित किया। पुरस्कार वितरण एवं परीक्षा परिणाम के कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती भारत माता और प्राणवा अक्षर का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में ग्राम पंचायत सरपंच भूरालाल खाती, उपसरपंच दिनेश मालवीय, जनपद सदस्य प्रतिनिधि सुनील धाकड़, विद्यालय समिति के कोषाध्यक्ष शंकर लाल व्यास, व्यवस्थापक मोती लाल धाकड़, समाजसेवी शिक्षक रामचंद्र मालवीय, समाजसेवी राजेंद्र जैन के मुख्य अतिथि में कार्यक्रम हुआ।
इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि पुरस्कार मिला है जिन्हें नहीं मिला है वह नाराज ना हो अगली बार पुरस्कार प्राप्त करने के लिए अच्छी मेहनत करें। पुरस्कार से पुनर बल मिलता है। परीक्षा परिणाम से नाराज ना हो सब मेहनत कर आगे बढ़ने की कोशिश करना चाहिए ताकि जो पुरस्कार आज मिला है वह दूसरों को भी मिले यह परिवर्तन होते रहना चाहिए। इस अवसर पर गत वर्ष कक्षा में प्रथम आने वाले भैया बहनों को पुरस्कार दिया गया। विद्यालय में निरंतर पूरे वर्ष चलने वाली गतिविधियों में भाग लेकर प्रथम,द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले भैया बहनों को भी पुरस्कार दिया गया।
इस अवसर पर सर्वाधिक समर्पण राशि देने वाले भैया बहन, खेलकूद कबड्डी खो-खो रस्साकशी ऊंची कूद लंबी कूद दौड़ रिले दौड़ सांस्कृतिक कार्यक्रम स्वच्छता अनुशासन सर्वाधिक उपस्थिति गणवेश प्रतियोगिता गणतंत्र दिवस स्वतंत्रता दिवस पर भाग लेने वाले भैया बहनों को भी पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय में कार्यरत आचार्य प्रधानाचार्य प्रभारी प्राचार्य दीदी को भी अतिथि द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। परंपरा अनुसार विद्यालय में अतिथियों का स्वागत महेंद्र भटनागर वर्षा धाकड़ ने कुमकुम का तिलक लगाकर श्रीफल भेंट कर किया।
इस अवसर पर विद्यालय के आचार्य प्रहलाद धाकड़ दीदी चेतना भटनागर टीना मेघवाल नेहा मेघवाल मोनिका मालवीय निर्मला धाकड़ आशा सोनी ज्योति प्रजापत सुनीता राठौर एवं विद्यालय के भैया बहिन अभिभावक मौजूद थे। कार्यक्रम की समाप्ति के बाद सभी को मिठाई वितरण की गई। संपूर्ण कार्यक्रम का सफल संचालन आभार व्यक्त प्रधानाचार्य घनश्याम मालवीय ने किया।