भोपाल। 4 दिन पहले उज्जैन के महाकाल लोक में तेज हवाएं चलने से सप्त ऋषि यों की प्रतिमाएं टूटने के बाद मध्यप्रदेश में विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं मंगलवार को पीसीसी चीफ कमलनाथ के निर्देश पर गठित किए गए कांग्रेस के 7 सदस्य दल ने उज्जैन महाकाल लुक पहुंचकर तकनीकी विशेषज्ञों के साथ मूर्तियों की जांच की कांग्रेस के जांच दल में शामिल पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के मुताबिक महाकाल लोक में लगाई गई प्रतिमाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया महाकाल लोक में हुई गड़बड़ी की शिकायत नंदी बाबा और भगवान महाकाल से करने के लिए भोपाल से कांग्रेस प्रवक्ताओं का एक दल उज्जैन रवाना हुआ।
कांग्रेस प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने कहा पिछले 18 सालों से मामा के झूठ का पर्दाफाश हुआ है। ये लोग भगवान को धोखा देते हैं तो इंसान को क्या छोड़ेंगे ? इन्होंने महाकाल को भी नहीं छोड़ा। सप्त ऋषि की मूर्तियां हवा में 40 किलोमीटर की रफ्तार में ही हवा में गिर गई और टूट गई। हम सभी कांग्रेस प्रवक्ता गण एकत्रित होकर नंदी जी के कान में जाकर प्रार्थना करेंगे कि जो अहंकारी सरकार है उनका घमंड चूर करें। और कहीं ना कहीं और जो जनता त्रस्त है उसके लिए एक आवेदन हम बनाकर महाकाल के चरणों में देंगे। क्योंकि पुलिस पैसा और प्रशासन उन्हीं का है किसी की कोई सुनवाई नहीं है। आज जनता की सुनवाई नहीं हो रही । विपक्ष की सुनवाई नहीं हो रही। यह लोग अपनी मनमानी कर रहे है। इस वजह से हम लोग महाकाल से निवेदन करने के लिए जा रहे हैं।
उज्जैन के महाकाल लोक में तेज आंधी के कारण गिरी मूर्तियों के बाद राजनीति तेज हो गई है। आंधी से उखड़ी सप्त ऋषियों की मूर्तियों को रिपेयर नहीं किया जाएगा। यानी खंडित मूर्तियां नहीं लगाई जाएंगी। इसकी जगह सप्त ऋषियों की नई मूर्तियां लगाई जाएंगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसके निर्देश भी दिए हैं। दूसरी तरफ महाकाल लोक में मूर्तियों को रिपेयर करने का काम भी चल रहा है। वहीं, कांग्रेस के सात सदस्यीय जांच दल ने मूर्ति लगाने में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
बता दें कि रविवार को उज्जैन में तेज आंधी के कारण महाकाल लोक परिसर में लगी सप्त ऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियां गिर गई थीं। कुछ मूर्तियां खंडित भी हो गई थीं। इसके बाद पीसीसी चीफ कमलनाथ ने जांच के लिए सात सदस्यीय कमेटी बनाई थी।