चित्तौड़गढ़। ब्रह्माकुमारी प्रताप नगर सेवा केंद्र पर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया। राजयोग सेवा केंद्र की संचालिका राजयोगिनी आशा दीदी ने बताया कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए यह दिवस मनाया जाता है ताकि आने वाले जनरेशन प्रकृति का आनंद ले सके।
उन्होंने बताया कि एक है बाहर की प्रकृति और एक आंतरिक प्रकृति हमेशा ही देखा गया है कि मनुष्य की आंतरिक प्रकृति का प्रभा बाहर की प्रकृति के ऊपर भी पड़ता है इसलिए आवश्यकता है। देखा गया है एक खेल पुरुष यानी आत्मा और परम पुरुष जिसे प्रकृति पति भी कहा जाता है तीसरा प्रकृति इन 3 सत्ता के बीच में यह खेल चलता है। हम अपनी आंतरिक प्रकृति को सही करें ताकि बाहरी प्रकृति को भी हम सुरक्षित रख सकें। वैसे भी देखा जाता है कि जब मनुष्य कोई भी पेड़ पौधा होता है डालता है धरती के अंदर और उसको जितना शुद्ध वाइब्रेशन देता है उतना हो पेड़ पौधा फलता फूलता है। इसलिए अगर हमें अपनी आंतरिक प्रकृति को सही करना है आज मनुष्य पानी बेच रहा है हवा बेच रहा है पर्यावरण प्रदूषण के कारण घरों में बीमारियां बढ़ने लगी है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक व्यक्ति जागरूक बने और कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं ताकि प्रदूषण को दूर भगाएं। उन्होंने बताया कि सभी एक संकल्प ले कि आज से हम अपने भविष्य को सुंदर बनाने के लिए प्रकृति की सुंदर पालना करें और एक वृक्ष लगाकर उसकी पालना परवरिश अवश्य करें ताकि आने वाले समय में प्रकृति हमें सहयोग प्रदान करें। यदि हम प्रकृति की रक्षा करते हैं तो आने वाले समय में प्रकृति भी हमारी रक्षा करेगी। उन्होंने बताया कि पर्यावरण पर हमारे विचारों का गहरा प्रभाव पड़ता है। सकारात्मक और शक्तिशाली विचार हमारे पर्यावरण के साथ साथ हमेशा सख्त और सक्रिय भी करते हैं।