नीमच | जिले में बीते दो माह से मौसम का मिजाज हर दिन बदल रहा है। गत रबी सीजन की फसलों पर बेमौसम बारिश का असर देखने को मिला है। किसानों को अब खरीफ सीजन से खासी उम्मीदें है। जिले में किसान खरीफ सीजन की बोवनी की तैयारियों में जुट गए हैं। कई जगह खेतों तैयार किया जा रहा है।
कृषि विभाग ने जिले में इस बार 1 लाख 76 हजार 34 हेक्टेयर खरीफ की फसलों का रकबा तय किया। खास बात यह है कि सोयाबीन का रकबा घटाया गया है,जबकि मक्का, मुंगफली, उड़द आदि के रकबे में वृद्धि की की गई है।
बता दें कि जिले में कई वर्षों से पारंपरिक फसल के रूप में सोयाबीन की बोनी अधिक होती है, लेकिन कुछ वर्षों से प्राकृतिक आपदा ने किसानों को आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। जिसके कारण सोयाबीन के प्रति किसानों का मोह कम होने लगा है। इसका असर कृषि विभाग द्वारा खरीफ फसल वर्ष 2023 के तय रकबे में भी देखने को मिला है।
जिले में इस बार सोयाबीन का रकबा घटाया गया है। वर्ष 2022 में जिले में 1 लाख 56 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी की गई थी, लेकिन इस बार सोयाबीन का रकबा घटाते हुए 1 लाख 35 हेक्टेयर कर दिया गया है। आसमान साफ,तापमान 40 पार-आसमानी विभोक्ष के कारण मौसम हर दिन बदल रहा है।अब आसमान साफ होकर धूप का असर तेज हो गया है। साथ ही गर्म हवाएं जनजीवन को हलाकान करने लगी है।
बीते तीन में दिन का तापमान 3, तो रात का तापमान 2 डिग्री तक बढ़ा है। इसके साथ ही दिन का तापमान एक बार फिर 40 डिग्री पार पहुंच गया है।
इस बारे उपसंचालक कृषि दिनेश मंडलोई ने बताया कि जिले में खरीफ फसल वर्ष 2023 का प्रस्तावित रकबा तय कर दिया है। कुछ फसलों के रकबे को घटाया गया है,तो कुछ फसलों के रकबे में वृद्धि की गई है।