सरवानिया महाराज। पटवारी हल्का के खेत हरियाली से हरे और फसल बुआई से भरे दिखने लगें है। फसलों की पैदावार डाउन नहीं हो इसके लिए कृषकों ने तमाम प्रयास किए है। हल्के मे किसानों ने प्रमुख खरीफ फसल मे सोयाबीन की अधिक मात्रा मे बुआई की है। किसानों ने सोयाबीन के अलावा मुंगफली, उड़द, मक्का, चंवला, मुंग आदि फसलों की भी बुआई की है। फसल बुआई के लगभग दस से पन्द्रह दिनों मे जागरूक कृषकों ने अपने खेतों मे खरपतवार नहीं उगें तथा फसल को साफ सुथरा माहोल मिले इसके लिए एक बारकी करपाई का काम कर दिया है। लेकिन अब लगातार पानी बरसने के चलते कई किसानों को अभी तक करपने का मौका नहीं मिला है। अभी तक फसलें और खेत सब कुछ ठीक ठाक है। अगर लगातार बारिश जारी रही तो फिर फसलों को अधिक पानी और खरपतवार के चलते नुकसान हो सकता है।
5-7 प्रतिशत खेतों मे करनी पड़ी दौ बारा बुआई-
पटवारी हल्का क्षेत्र मे पांच सात प्रतिशत ऐसे खेत है जिनमें टीपणी जमने या दबने के कारण फसलों का सही मंडाण नहीं हुआ जिसके चलते कृषक बंधुओ को डबल बुआई करनी पड़ी है। इन खेतों मे अभी खरपतवार की पैदावार को रोकने के लिए करपाई का काम भी नहीं हो सका है। क्षेत्र के कृषक सुरेशचंन्द्र प्रहलाद मालू ने बताया कि अभी तक आल औवर फसलें बढ़िया है। अच्छी पैदावार की संभावना है तो किसानों ने बड़ें पैमाने पर सोयाबीन की उन्नत फसलों की बुआई की है। फिलहाल किसी भी प्रकार की बिमारी व्याधि आदि फसलों मे नहीं है बहुत बढ़िया तरिके से फसलें बड़ी हो रही है।
लगातार बारिश तो खरपतवार की समस्या-
क्षेत्र मे लगातार हो रही बारिश यदि आगे भी इसी प्रकार जारी रहती है तो इसके कारण जिन खेतों मे कुलपे नहीं चले है उन खेतों मे खरपतवार बढ़ने की संभावना बड़ जाती है। जिसके चलते फसलों की सेहत खराब होने तथा उत्पादन प्रभावित हो सकता है। कृषक राजेश प्रतापसिंह राणावत, गोपाल धोबी ने बताया कि कुछेक को छोड़कर लगभग सभी फसलों मे अच्छी ग्रोथ है। जिससे किसानों के चेहरे खिले हुवें है।
खेतों मे से पानी निकासी के पर्याप्त प्रबंध करें-
नीमच जिला कृषि उप संचालक डीडीए दिनेश मंडलोई ने बताया कि कृषकों द्वारा बुआई के बाद जिले मे सभी फसलें नार्मल स्थिति मे है। ना किसी भी प्रकार का खरपतवार है और नाही कोई रोग। किसान बंधुओं के लिए सलाह है कि अभी चार पांच दिन से लगातार पानी बरस रहा है तो अपने खेतों पर जाये तथा देखें कहीं जल भराव की स्थिति तो नहीं है। अगर खेतों मे पानी भरा है तो पानी निकासी के प्रबंध करें ताकि फसलें खराब ना हो।