नीमच। एक तरफ विधानसभा चुनाव नजदीक है वहीं दूसरी ओर अब सरकार की विभिन्न योजनाओं को अमल में लाने के लिए शासन के मुख्य अंग के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रही आंगनवाडी कर्मी अब विरोध में उतर गई है। गौरतलब है कि यूनियन की ओर से राजधानी में विशाल प्रदर्शन कर विरोध जताया गया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस विसंगति को स्वीकार कर इसे दुरुस्त करने को घोषणा की थी। बावजूद इसके अब तक इसमे सुधार नहीं किया गया हैं। ऐसे में गुरुवार को बड़ी संख्या में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका कलेक्टर कार्यालय पहुंची और मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर प्रतिनिधि को सौंपा।
मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए संगीता जाटव ने बताया कि इस भीषण महंगाई के चलते प्रदेश में विभिन्न श्रेणी के संविदा कर्मियों के अन्य श्रेणी के कर्मवारियों के वेतन में जो वेतन वृद्धि सरकार ने की है उसके अनुपात में प्रदेश सरकार ने आंगनवाडी कर्मियों के मानदेव में नाम मात्र की वृद्धि की है और ऐसा करके सरकार ने दोहरा भेदभाव किया है। उन्होंने बताया कि एक ओर सहायिका और मिनी कार्यकर्ता को पहले ही अपेक्षाकृत कम मानदेय दिये जाते थे, दूसरी ओर 2018 की वृद्धि को राशि से काटे गये राशि की वापसी के अलावा मानदेय में कोई वृद्धि ही नहीं की गयी। आंगनवाड़ी कार्यकताओं ने मांग की है कि जल्द उनकी सभी मांगों का निराकरण किया जाए नहीं तो उग्र आंदोलन किया जायेगा।