इंदौर। कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला ने स्ट्रांग रूम के बाहर निगरानी के लिए प्रतिनिधियों की नियुक्ति का आवेदन किया था, लेकिन तीन दिन बाद भी अनुमति नहीं मिली। उस पर नाराजगी जाहिर करते हुए शुक्ला ने शिकायत दर्ज कराई, जिस पर कलेक्टर ने रिटर्निंग ऑफिसर पर सख्ती दिखाई। असर ये हुआ कि कुछ ही देर में अनुमति जारी हो गई।
इंदौर एक के चुनाव पर प्रदेश तो ठीक राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की निगाह है। कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला काे आशंका है कि भाजपा प्रत्याशी कैलाश विजयवर्गीय के प्रभाव में कोई गड़बड़ी ना हो जाए। इसलिए वे स्ट्रांग रूम के बाहर अपने प्रतिनिधियों को निगरानी के लिए नियुक्ति करना चाहते हैं। 18 नवंबर को उनके विधि सलाहकार और अभिभाषक सौरभ मिश्रा ने शुक्ला के हवाले से अनुमति मांगी। मंगलवार को दोपहर तक अनुमति नहीं मिली तो उन्होंने इंदौर 1 के रिटर्निंग अधिकारी ओम नारायण बड़कुल से बात की, जिसके बाद उन्होंने शुक्ला को घटनाक्रम की जानकारी दी।
इंदौर एक में सबसे ज्यादा शिकायत और विवाद हुए। उसकी शुरुआत गिफ्ट बांटने से हुई थी, जिसमें दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। उसके बाद लगातार कार्यकर्ताओं के बीच में झड़पें होती रहीं। मतदान के दिन तो शुक्ला ने देपालपुर के नेता चिंटू वर्मा को साथ में लेकर घूमने पर आपत्ति दर्ज कराई। इस पर कैलाश ने कहा, जाओ अपना काम करो।