कटनी। मध्यप्रदेश के पश्चिम मध्य रेलवे के मुड़वारा स्टेशन में स्केलेटर ना होने के चलते सीनियर सिटीजन,दिव्यांग एवम घायल यात्रियों को मुड़वारा स्टेशन के प्लेटफार्म पर बने लंबे फुट ओवर ब्रिज से स्टेशन के प्रवेश द्वार तक आने में किन परिस्थितियों में आना पड़ता है आप इन तस्वीरों में देख सकते है। कहने को तो कटनी जंक्शन में तीन रेल्वे स्टेशन मौजूद हैं लेकिन यात्रियों की सुविधा हेतु मुड़वारा स्टेशन पर किस तरह की चाक चौबंद व्यवस्थाएं हैं यह तस्वीर बया कर रही है।दरअसल 22 फरवरी को जयपुर निवासी डॉ. विकास सोनी का कार से एक्सीडेंट हो गया था और उन्हें कटनी के प्रसिद्ध रीठी मोहास मंदिर जाना था मुहास मंदिर की ऐसी मानयता कही जाती है कि हनुमान जी की कृपा से हड्डी रोगियों पर उनकी कृपा बरसती है।इसी बात को लेकर डाक्टर श्री सोनी 15 फरवरी को मुड़वारा रेलवे स्टेशन जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन से पहुंचे उन्हें रेलवे स्टेशन पर ना स्केलेटर दिखा और ना ही वील चीयर तो उन्हें लगा कि अब मैं बाहर कैसे जाऊंगा इस दौरान वहा मौजूद ऑन ड्यूटी आरपीएफ एएसआई अमर सिंह की नजर उन पर पड़ी तो उन्होंने अपने कंधे पर उठाकर जयपुर निवासी डॉ. को स्टेशन के प्रवेश द्वार तक लाया गया अमूमन मुड़वारा रेलवे स्टेशन के इस तरह के मानवता पूर्ण वीडियो पहले भी निकल के सामने आ चुके हैं और मीडिया की सुर्खियां भी बन चुके हैं।लेकिन पश्चिम मध्य रेल के रेलवे प्रशासन द्वारा उसके बाद भी यात्रियों की सुविधा के लिए अभी तक इस बात को लेकर कोई पहल नहीं की जिससे सीनियर सिटीजन दिव्यांग एवं चोटिल यात्रियों को सुविधा उपलब्ध हो सके।
कुछ माह पूर्व में पश्चिम मध्य रेल की जीएम साहिबा श्रीमती शोभना बंधोउपाध्या ने मुड़वारा रेलवे स्टेशन का औचक निरीक्षण किया था और इस संबंध में अधिकारियों को यात्रियों की सुविधा हेतु आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए थे जो बाद में ठंडे बस्ते में चले गए इस बात को मीडिया ने बड़ी प्रमुखता से उठाया था अगर बात करें आरपीएफ एएसआई अमर सिंह की मानवता के चलते जयपुर निवासी डॉ विकास सोनी स्टेशन के प्रवेश द्वार तक तो पहुंच गए। लेकिन सवाल यह उठता है ऐसे अन्य यात्री मंगलवार को रीठी मोहस मंदिर जाने के लिए यात्री ट्रेनों से पहुंचते हैं। हालांकि जयपुर से पहुंचे डॉ.विकास सोनी ने आरपीएफ ए.एस.आई अमर सिंह की मानवता को देखते हुए पश्चिम मध्य रेल को धन्यवाद ज्ञापित तो कर दिया है लेकिन मुड़वारा स्टेशन पहुंचने वाले इस तरह के अन्य यात्रियों को क्या इन परेशानियों से जूझना पड़ेगा यह सवाल बना हुआ है और उन्हें प्रवेश द्वार तक इन कठिन परिस्थितियों में आना पड़ सकता है। जबकि यात्री अपनी सुविधा को देखते हुए रेलवे में सफर करना उचित समझता है। आखिरकार यह व्यवस्थाएं कब पूरी होगी जिससे यात्रियों को इन विकट परिस्थिति में परेशानियों का सामना ना करना पड़े।