सागर। भाजपा नेता मस्तराम घोषी का राजघाट रोड पर अवैध निर्माण ढहा दिया गया। उसके मैरिज गार्डन और दुकानों पर बुलडोजर चला, लेकिन कार्रवाई के बीच स्टे ऑर्डर की वजह से नगर निगम की टीम को एक्शन रोकना पड़ा। मैरिज गार्डन के बगल से ही भाजपा नेता का चालीसा बिल्डर ग्रुप का ऑफिस भी है।
नगर निगम की टीम सोमवार सुबह दो जेसीबी लेकर पहुंची। नगर निगम आयुक्त राजकुमार खत्री ने बताया कि आरोपी मस्तराम घोषी ने अवैध तरीके से मैरिज गार्डन और दुकानों का निर्माण कराया था। नोटिस जारी करने के बाद कार्रवाई शुरू की थी। किसी भी तरह के विरोध से निपटने के लिए पुलिस भी साथ रही।
भाजपा नेता और उसके साथियों पर 40 साल के निर्मल पटेल की हत्या का आरोप है। आरोप यह भी है कि परिवार को डरा - धमकाकर आरोपियों ने किसान की अंत्येष्टि भी करा दी। घटना 28 फरवरी को शहर के मोतीनगर थाने के कनेरादेव इलाके की है। 2 मार्च को पुलिस ने मुख्य आरोपी मझगुवां अहीर के सरपंच पति पप्पू घोषी, भाजपा किसान मोर्चा के जिला महामंत्री मस्तराम घोषी और उसके परिवार के सदस्यों समेत 12 आरोपियों पर अपहरण, हत्या और साक्ष्य छिपाने की धाराओं में केस किया था।
निर्मल पेशे से किसान थे। उनके दो बच्चे हैं। आरोपियों से प्रॉपर्टी के लेनदेन का पुराना विवाद था। पुलिस को कनेरादेव में दो पक्षों झगड़े की सूचना मिली थी। गांव जाकर ग्रामीणों से पूछताछ की। पता चला कि निर्मल की मौत हुई है। पुलिस ने मृतक के बड़े भाई धनीराम पटेल से पूछताछ की। उसने बताया कि कनेरादेव के ही पप्पू घोषी ने भाई को अपने चालीसा बिल्डर ग्रुप के ऑफिस बुलाकर मारपीट की। उसे छोड़ने के लिए परिवार से पैसे मंगवाए। हमने सवा लाख रुपए दिए। पप्पू और उसके साथियों ने लात-घूंसों, डंडों से पीटकर निर्मल की हत्या कर दी। हम लोगों को डराया - धमकाया। इस वजह से पुलिस को बिना बताए अंतिम संस्कार कर दिया।
मृतक के परिजन डॉक्टर और पुलिस के सामने मारपीट को लेकर मुंह न खोलें, इसलिए उन्हें डराकर रखने के लिए एक आरोपी को भी अस्पताल भेजा गया था। जब डॉक्टर ने पूछा तो परिजन ने सीढ़ियों से गिरने के बाद बेहोश होने की बात कही। इसके बाद शव घर ले गए। पूरे समय एक आरोपी साथ रहा। उसने धमकाया कि यदि पोस्टमॉर्टम कराया और पुलिस को सूचना दी तो परिवार को जान से मार देंगे। उसी ने अंत्येष्टि की तैयारी कराई। जब अंत्येष्टि हुई तो वारदात को लेकर कानाफूसी शुरू हो गई।
पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। बयान के आधार पर केस दर्ज हुआ, क्योंकि मुख्य सबूत नष्ट हो चुके थे। अब तक पप्पू घोषी, संजेश घोषी, मस्तराम घोषी, ऋषि घोषी, बसंत घोषी, उमेश घोषी, विजय गौंड, संतोष पटेल, सुरेंद्र गौंड, नीतेश अहिरवार, करन पटेल समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। गगन घोषी फरार है। चालीसा ग्रुप के जिस ऑफिस में निर्मल से मारपीट की गई थी, उसमें लगे सीसीटीवी कैमरे और डीवीआर पुलिस को नहीं मिले। पूछताछ में आरोपियों ने राजघाट बांध में फेंकने की बात कही।