छतरपुर। जिला के थाना किशनगढ़ के ग्राम पंचायत नगदा में आज़ादी दिवस पर आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में भारी लापरवाही और राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला सामने आया। कार्यक्रम के दौरान सरपंच रमेश यादव जब झंडा फहरा रहे थे, तो झंडे में लगी गांठ नहीं खुली, जिसके चलते झंडा चार बार उतारकर पांचवीं बार फहराया जा सका।
मौके पर मौजूद पंचायत सचिव रमेश शर्मा और रोजगार सहायक शंकर सिंह ने झंडे को सही करने का कोई प्रयास नहीं किया, जबकि इसकी जिम्मेदारी उन्हीं की थी। आरोप है कि सचिव और रोजगार सहायक ने झंडा ठीक से नहीं बांधा और बार-बार झंडा नहीं फहरने के बावजूद उदासीन बने रहे। वहीं, संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर कार्यक्रम के दौरान तिरंगा उल्टा लगा रहा, लेकिन किसी ने सुधारने की कोशिश नहीं की। इस दौरान रोजगार सहायक मुस्कुराते हुए दिखाई दिए।
जब गांव के एक युवक ने सचिव से राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर सवाल किया और वीडियो बनाने लगा, तो सचिव ने उसे धमकाते हुए वीडियो बनाने से रोका। इसी दौरान सरपंच पति ने भी युवक से उलझना शुरू कर दिया।
इसी दिन, ध्वजारोहण के कुछ घंटे बाद, गांव के सेन परिवार के साथ सरपंच का विवाद बढ़ गया। पीड़ित गोपाल सेन (30), उसका छोटा भाई घनश्याम (18) और मां कलावती (50) ने बताया कि सरपंच ने पंचायत का कचरा उनके घर के सामने डाल दिया। मना करने पर सरपंच ने अभद्रता की और उसके चचेरे भाई भगवान दास यादव ने लोहे की छड़ से गोपाल पर हमला कर दिया, जिससे उसका हाथ और कंधा घायल हो गया।
घटना के बाद तीनों थाने शिकायत करने बाइक से जा रहे थे, तभी उचारा तिराहे पर सरपंच ने चारपहिया वाहन चढ़ा दिया, जिससे तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आरोप है कि सरपंच मौके से फरार हो गया।
फिलहाल तीनों घायलों का इलाज जिला अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस मामले में किशनगढ़ थाना प्रभारी वीरेंद्र रैकवार से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।