मुरैना। नई कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में पहुंचे कुछ अशासकीय शिक्षकों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मुरैना शहर के कई शासकीय विद्यालयों में पदस्थ शिक्षक ड्यूटी के बावजूद निजी कोचिंग सेंटर चला रहे हैं। शिक्षक सुबह-शाम कोचिंग में व्यस्त रहते हैं, जिससे वे समय पर विद्यालय नहीं पहुँच पाते।
इस लापरवाही का सीधा असर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों पर पड़ रहा है, जिनका भविष्य अधर में लटकता दिखाई दे रहा है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि शिक्षा विभाग इस पर जांच कर दोषी शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
सूत्रों के अनुसार, मुरैना के जीवाजी गंज क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक शासकीय शिक्षक धड़ल्ले से कोचिंग सेंटर चला रहे हैं, जिनमें क्षमता से अधिक बच्चों को ठूंस-ठूंसकर पढ़ाया जा रहा है। इसको लेकर पहले भी कई बार शिकायतें हुईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
गौरतलब है कि मुरैना में कई निजी कोचिंग सेंटर भी प्रशासनिक गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। नियम तोड़ने के चलते कई घटनाएँ घट चुकी हैं। पुलिस विभाग ने कई बार कोचिंग संचालकों को मीटिंग में बुलाकर हिदायत दी, लेकिन हालात जस के तस बने हुए हैं।
हाल ही में कलेक्टर ने इस मामले की जांच के लिए टीम गठित की थी, लेकिन नतीजा शून्य रहा। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि शिक्षा विभाग और प्रशासन इस पर कब और कैसी कार्रवाई करता है।