डिंडोरी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में कलेक्टर नेहा मारव्या द्वारा जारी किए गए शिक्षकों और हॉस्टल अधीक्षकों के तबादले के आदेश शासन ने निरस्त कर दिए हैं। शहपुरा से भाजपा विधायक ओमप्रकाश धुर्वे ने गुरुवार को जिला भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।
विधायक के अनुसार कलेक्टर ने डिप्टी कलेक्टर वैद्यनाथ वासनिक को जबरन सहायक आयुक्त का चार्ज दिलवाया। तत्कालीन सहायक आयुक्त को कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इसके बाद युक्तिकरण के नाम पर नियम विरुद्ध तरीके से तबादले के आदेश जारी करवा दिए गए।
जनजातीय कार्य विभाग मंत्रालय भोपाल ने 17 जून को तीन प्राचार्यों और 12 उच्च माध्यमिक शिक्षकों के स्थानांतरण रद्द किए। 3 जुलाई को 438 शिक्षकों के तबादले निरस्त किए गए। 11 जुलाई को 139 हॉस्टल अधीक्षकों के स्थानांतरण आदेश भी रद्द कर दिए गए।
जांच में यह भी सामने आया कि 47 प्राथमिक शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षक दर्शाकर उनके तबादले कर दिए गए। नियमों के अनुसार हॉस्टल अधीक्षक का प्रभार केवल माध्यमिक शिक्षकों को ही दिया जा सकता है। इस मामले में 37 शिक्षकों के नाम सामने आए हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूर्व जिला अध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, जय सिंह मरावी, मंडल अध्यक्ष आशीष वैश्य और सुशील राय भी मौजूद थे।