उज्जैन। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुरुवार को उज्जैन पहुंचे और दंगवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में किसानों से मुलाकात की। इस दौरान 30 से अधिक गांवों के किसान प्रतिनिधि टिकैत से मिले और शासन द्वारा किसानों की जमीन अधिग्रहण की योजना के खिलाफ रणनीति बनाने पर चर्चा की।
टिकैत ने किसानों को भरोसा दिया कि सभी प्रभावित किसान मिलकर ठोस कदम उठाएंगे और अपने हितों के लिए संगठित होंगे।
भूमि अधिग्रहण से किसानों का नुकसान
दंगवाड़ा स्थित श्री बोरेश्वर महादेव मंदिर के स्वयंभू रिसॉर्ट में टिकैत ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि डेवलपमेंट के नाम पर हो रहे भूमि अधिग्रहण से किसानों का नुकसान हो रहा है। उन्होंने सोयाबीन का न्यूनतम भाव 6 हजार रुपए, गेहूं का न्यूनतम भाव 3 हजार रुपए, किसानों की कर्ज माफी, 12 घंटे सतत बिजली की उपलब्धता और खाद-यूरिया की पूर्ति जैसी मांगों पर भी विचार किया।
टिकैत ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए ठोस और सुनियोजित कदम उठाना आवश्यक है।
टिकैत ने दिया किसानों को समर्थन का भरोसा
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। किसानों ने बताया कि डेवलपमेंट के नाम पर हो रहे भूमि अधिग्रहण से उन्हें न तो उचित मूल्य मिलता है और न ही उनकी सुनवाई होती है। कई किसान इस कारण अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। टिकैत ने कहा कि सभी प्रभावित किसान मिलकर रणनीति तय करेंगे और अपने हकों की रक्षा के लिए एकजुट रहेंगे।
किसानों ने सरकार और प्रशासन से मांग की कि भूमि अधिग्रहण में पारदर्शिता बरती जाए, उन्हें उचित मुआवजा मिले और उनके हितों की रक्षा की जाए। टिकैत ने कहा कि किसानों के साथ बैठकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी और भूमि अधिग्रहण से परेशान सभी किसानों को इस आंदोलन में शामिल किया जाएगा।