नीमच। जिला अस्पताल परिसर में पार्किंग को लेकर बड़ा खेल सामने आया है। नियम के अनुसार दोपहिया वाहन के लिए 5 रुपए और चारपहिया वाहन के लिए 10 रुपए शुल्क निर्धारित है, लेकिन ठेकेदार मनमानी करते हुए हर बाइक से 10 और कार से 20 रुपए तक वसूल रहा है।
केवल इतना ही नहीं, टेंडर सिर्फ चद्दर शेड के नीचे पार्किंग के लिए जारी हुआ था, मगर ठेकेदार ने नगरपालिका की जमीन और ट्रॉमा सेंटर के बाहर तक कब्जा जमा रखा है। जबकि आदेश साफ कहते हैं कि अस्पताल परिसर की अधिकांश जगहों और ट्रॉमा सेंटर में पार्किंग निशुल्क है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि इस पूरे खेल में सिविल सर्जन कार्यालय का संरक्षण मिला हुआ है। ठेकेदार अब तक लाखों रुपए की अवैध वसूली कर चुका है और जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदकर बैठे हैं। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब श्मशान घाट, थाना, कोर्ट और कलेक्टर ऑफिस तक पार्किंग फ्री है, तो फिर गरीब और जरूरतमंदों के अस्पताल में ही पार्किंग शुल्क क्यों वसूला जा रहा है?
निशुल्क पार्किंग की मांग-
लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि अस्पताल परिसर में पार्किंग पूरी तरह निशुल्क की जाए। रोगी कल्याण समिति चाहे तो अपने खर्च पर कर्मचारियों की नियुक्ति कर वाहन व्यवस्थित खड़े करवा सकती है।
कैंटीन और अन्य ठेकों की जांच की मांग-
लोगों का यह भी कहना है कि मामला केवल पार्किंग तक सीमित नहीं है। अस्पताल में अब तक हुए सभी ठेकों और कैंटीन संचालन की भी जांच होनी चाहिए। सूत्रों के अनुसार यदि फाइलें खोली गईं तो करोड़ों रुपए के घोटाले सामने आ सकते हैं।
अब सवाल यही है कि क्या प्रशासन इस खेल पर अंकुश लगाएगा या फिर पार्किंग माफिया यूं ही जनता को लूटता रहेगा?