नीमच। मिशन संचालक के निर्णय को तुरंत लागू करने एवं आशाओं को 10000 एवं पर्यवेक्षक को 15000 दिए जाने की मांग को लेकर आशा उषा सहयोगी एकता यूनियन सीटू बैनर तले प्रदेशभर की आशाएं 1 सप्ताह के लिए रहेगी हड़ताल पर उक्त जानकारी देते हुए आशा उषा सहयोगी एकता यूनियन की अध्यक्ष अध्यक्ष कृष्णा कांटे ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अति महत्वपूर्ण कार्य कर रही आशा उषा एवं आशा पर्यवेक्षक पर राज्य शासन द्वारा काम का बोझ लगातार बढ़ाया जा रहा है एवं स्वास्थ्य कर्मचारी के रूप में पूरे 12 महीने दिन भर काम कर रही मध्य प्रदेश की अधिकांश आशा कार्यकर्ताओं 2000 निश्चित वेतन में अपना परिवार चलाने को विवश है। अन्य राज्य सरकारें आशाओं को अपनी ओर से अतिरिक्त वेतन दे रही है वहीं मध्य प्रदेश की सरकार आशाओं की वेतन वृद्धि की मांग को पिछले 15 वर्षों से लगातार नकार रही है इस भीषण महंगाई में राज्य सरकार के इस आइडियल रवैया से मध्य प्रदेश की आशा उषा एवं आशा पर्यवेक्षकों में भारी निराशा आक्रोश व्याप्त है।
यूनियन की महासचिव रेखा व्यास ने बताया कि पर्यवेक्षक जो आशाओं के काम का पर्यवेक्षण करती है उन्हें पर्यवेक्षक का नाम तो दिया लेकिन अल्प वेतन देकर सरकार पर्यवेक्षकों का भी शोषण जारी रखे हुए हैं।
आशाओं के प्रति मध्य प्रदेश सरकार के इस अन्याय पूर्ण एवं मानवीय बर्ताव के विरोध में मध्य प्रदेश के साथ नीमच की आशा एवं पर्यवेक्षक पुनः हड़ताल करने पर मजबूर है।
24 जून 2021 को मिशन संचालक द्वारा दिए गए निर्णय को तुरंत लागू कर आशाओं को 10000 एवं पर्यवेक्षकों को 15000 रुपए निश्चित वेतन तुरंत दिए जाने की मांग को लेकर आशा आशा आशा सहयोगिनी संयुक्त मोर्चा मध्य प्रदेश आह्वान पर 1 सप्ताह की यह हड़ताल 14 से 19 नवंबर 2022 तक रहेगी।