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August 24, 2025, 2:23 pm
KHABAR : शोक में डूबे परिवार को सिस्टम की लापरवाही की चोट, 58 लाख खर्च, दो-दो बार उद्घाटन फिर भी अधूरा शवदाह गृह, नेमावर में अंतिम यात्रा भी अधूरी, पढे़ खबर 

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खातेगांव। देवास के नेमावर नगर में विकास के बड़े-बड़े दावों की हकीकत सामने आई है। 60 लाख रुपये खर्च कर तैयार किया गया गैस चलित शवदाह गृह आज भी अधूरा है। जबकि शवदाह गृह का दो-दो बार उद्घाटन हुआ, लेकिन जब किसी परिवार को इसकी सबसे ज़रूरत पड़ी, तो वहां न ऑपरेटर था और न कोई सुविधा। मीडिया के दखल के बाद शव दाहगृह को शुरू किया गया था, लेकिन फिर से स्थिति ठप पड़ी हुई है।


60 लाख की लागत से तैयार हुआ गैस चलित शवदाह गृह आज भी केवल अधूरा खड़ा है। दो-दो बार उद्घाटन जरूर हुआ, लेकिन व्यवस्था ठप है। शनिवार को इसकी पोल तब खुल गई जब एक परिवार अपने परिजन का अंतिम संस्कार कराने पहुंचे तो न ही संचालन की कोई ठोस व्यवस्था है। सोचिए, जब किसी परिवार पर दुख का पहाड़ टूटता है और अंतिम संस्कार के समय ऐसी परेशानियों से गुजरना पड़े तो यह संवेदनहीनता किस हद तक पीड़ा दे सकती है।


लाखों की लागत से बने इस प्रोजेक्ट की उपेक्षा सिर्फ धन की बर्बादी नहीं, बल्कि नागरिकों के साथ अन्याय भी है। मृतक के परिजन प्रदीप जाधव ने बताया कि अंतिम क्रिया करने पूर्व जानकारी लेकर आए थे तो बताया था कि यहां व्यवस्था है और शवदाह भी चालू है, लेकिन बंद पड़ा मिला ऑपरेटर जनरेटर की व्यवस्था नहीं है, दो घंटे के इंतजार के बाद अंतिम संस्कार किया गया।


नेमावर सीएमओ आनंदीलाल वर्मा ने दावा किया और बताया कि शवदाह गृह में कोई अव्यवस्था नहीं है। बारिश के दिनों में बिजली बार-बार चली जाती है। आपरेटर नहीं होने से 1-2 दिन के लिए अव्यवस्था बनी है। ऐसे में कई तरह के सवाल उठ रहे है। मरने के बाद भी असुविधा या यूं कहे कि अंतिम यात्रा भी अधूर में है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द इस अधूरे निर्माण को पूरा करे और स्थायी प्रबंधन उपलब्ध कराए।

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