वॉइस ऑफ़ एमपी ने अपने ई अखबार के शुरूआती अंकों में साफतौर पर लिखा था कि नीमच नपा की नवगठित परिषद् जिस राह पर चल निकली है इससे साफ़ संकेत मिल रहे हैं कि आफत में नीमच रहेगा और अब धीरे-धीरे वहीं हालात बनते जा रहे हैं। हमने लिखा था जनता के मुद्दे लापता है और पूरे जोर-शोर से चर्चा बेरिकेटिंग की हो रही है। ठीक इसी तरह पूरे पांच साल छद्म मुद्दों पर जनता को बरगलाया जाता रहेगा और एक दिन नयी परिषद् के गठन की रणभेरी बजेगी तो नेता फिर पहले की तरह कस्मे खाते, वादे करते मिलेंगे।
कितनी हास्यास्पद बात है कि संवैधानिक रूप से चुनी हुई परिषद् और नपाध्यक्ष एक सीएमओ के सामने बेबस और लाचार लग रहे हैं वो भी उस समय जब नीमच से दिल्ली तक भाजपा की सरकार है और भाजपा पूरे विश्व की सबसे बड़ी पार्टी और नीमच नपा पर काबिज़ है। कद्दावर भाजपा नेता संतोष चौपड़ा की बहु और देखिये हर तरफ अब सीएमओ गरिमा पाटीदार को लेकर बात हो रही है।
सोचने वाली बात यह है कि भाजपा ने निकाय चुनाव के दौरान सीना ठोंक कर बड़े बड़े दावे और वादे किये थे, शहर की कई ज्वलंत समस्याओं को परिषद् के गठन के साथ चुटकी बजाकर हल करने का ऐलान किया था, लेकिन परिषद् के गठन के बाद उन समस्याओं का हल तो छोड़िये उन पर बात तक नहीं हुई। अब सोचिये डबल इंजिन की सरकार में उसकी बहुमत वाली परिषद् में सीएमओ की पोस्टिंग को लेकर हाय तोबा मची हो और उस पर परिषद् इतनी बेबस हो गई हो कि उसे विशेष सम्मेलन बुलाना पड़े और उस विशेष सम्मेलन को बुलाने में भी भगदड़ मच जाए तो समझना आसान है कि सीएमओ गरिमा पाटीदार ने भाजपा के दिग्गजों को नाप दिया है।
सोचिये एक तरफ सवा लाख की आबादी के वोटो से चुनी हुयी परिषद् और एक तरफ गॉवर्मेँट सर्वेंट कहलाने वाली सीएमओ शक्ति प्रदर्शन में सीएमओ साफतौर पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है और इस पूरे घटनाक्रम ने यह भी पक्का कर दिया है की नीमच नपा पांच साल तक यु ही लुंज पुंज तरीके से चलेगी
इस पूरे घटनाक्रम में एक बात और ख़ास है की शासन ने जब नीमच में नए सीएमओ की पोस्टिंग कर दी तो फिर क्यों मैडम गरिमा पाटीदार यहाँ रुकना चाहती है वे जिस पद पर है उन्हें वे सब वेतन और सुविधाएं हर जगह मिलेगी जहा उन्हें पदस्थ किया जाएगा फिर्निमाच में ही रुकना है इसकी क्या ठोस वजह है दूसरी ख़ास बात यह की वे डबल इंजिन की सरकार, बहुमत वाली भाजपा और संतोष चौपड़ा जैसे दिग्गज भाजपाई से लोहा ले रही है तो फिर वे अकेली नहीं पीछे कोई थर्ड फ़ोर्स है जो जोर आज़माइश में मैडम गरिमा पाटीदार के साथ है और यह ज़ाहिर से बात है की जो बैकप दे रहा है वो भी भाजपा से जुड़ा ही होगा, कांग्रेस के नेता की तो कोई बिसात ही नहीं
हमने अपनी आरम्भिक रिपोर्ट्स में ये संकेत दे दिए थे की आनेवाले दिनों में क्या हालात होंगे और वही बाते साकार होती नज़र आ रही है कुलमिलाकर पहले तो सीएमओ का यह मामला सुलटे उसके बाद नपा सुचारु चले तब कही जाकर जनहित के मामलो में कुछ सोच पाएगी नयी परिषद् अभी तो आप केवल इन खबरों को पढ़कर शर्ते लगाइये की मैडम गरिमा पाटीदार कब हटेगी और फिर हटेगी भी या नहीं