मन्दसौर। जिस नारी और जिस मां की बात सारा जमाना करता है और सरकारें इन पर कई योजनाओं पर लाखों रुपए खर्च करती है लेकिन जब मंदसौर में ऐसा हादसा हुआ तब पता चला की धरातल पर सच्चाई कितनी है। मंदसौर का यह वाकया दिल दहला देने वाला था। शहर के जिला चिकित्सालय में एक गर्भवती महिला ने सामान्य वार्ड में बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान जनरल वार्ड में पुरुष वर्ग भी मौजूद था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह शर्मनाक घटना उस समय हुई जब ईलाज के लिए मल्हारगढ़ स्वास्थ्य केंद्र से रैफर गर्भवती महिला फरजाना पति फारूक जिला चिकित्सालय मंदसौर किया गया। जिला अस्पताल में फरजाना को जनरल वार्ड में भर्ती किया गया और थोडी देर बाद महिला को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। जनरल वार्ड में सभी महिलाओं, पुरुषो के बीच पीड़ित महिला का प्रसव हो गया। परिवार वालों ने अस्पताल के डॉक्टर और नर्सों पर आरोप लगाया कि हम लोग हाथ जोड़ते रहे लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी, सभी अपने फोन में व्यस्त रहे।
महिला के पति फारूक ने बताया कि मैने नर्सों को कई बार बोला तब भी कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ। फिर मैने गार्ड को बताया तो उसने एक नर्स को बोला चेयर लाकर दी उस नर्स ने हमारी मदद करी और मेरी पत्नी की डिलेवरी जनरल वार्ड में खुले में हुई और मेरा भाई नर्स के पास ग्लब्स लेने गया तो मना कर दिया की ग्लब्स नहीं है।
डीके शर्मा मुख्य चिकिसक ने बताया कि मैं बैठक में कलेक्टर कार्यालय गया था और अभी लौटा हूँ। मुझे मामले की जानकारी मिली है कि किसी महिला की डिलेवरी जनरल वार्ड में हुई है। अगर ऐसा हुआ है तो निश्चित तौर पर गलत हुआ है। इसके पीछे क्या कारण रहा है इसकी जाँच की जाएगी। सीसीटीवी के फुटेज खंगाले जा रहे हैं। पीड़िता की ओर से अभी तक कोई आवेदन नही आया है। अगर पीड़िता के पति की ओर से अगर आवेदन आएगा तो कार्यवाई जरूर की जाएगी। इस घटना की विस्तृत जाँच के लिए एक टीम गठित की गई है।