चित्तौड़गढ़। छत्रपति शिवाजी जयंती पर चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति ने गांधी चौक में शिवाजी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए। वहीं उन्हें याद कर जय भवानी, जय शिवाजी, जय राणा प्रताप की, जय शिवा सरदार की, राणा की जय जय, शिवा की जय जय आदि नारे लगाकर उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर थोड़ी और चित्तौड़ी आठम महोत्सव समिति के अध्यक्ष मुकेश नाहटा ने कहा कि शिवाजी एक कुशल शासक, योग्य सेनापति थे। शिवाजी ने अपनी योग्यता के बल पर मराठों को संगठित करके अलग मराठा साम्राज्य की स्थापना की। शिवाजी ने अपनी राज्य व्यवस्था के लिए 8 मंत्री नियुक्त किये। उन्हें अष्ट प्रधान कहा जाता था। जिसमें पेशवा का पद सबसे महत्वपूर्ण होता था। शिवाजी ने बिक्री हुए मराठाओं को इक्कठा करके उनकी शक्ति को एकजुट कर एक महान मराठा राज्य की स्थापना की।
शिवाजी ने मुगलों के राज्य में हिन्दू साम्राज्य स्थापित करने वाले एक मात्र राजा थे। उन्होंने केवल मराठाओं को ही नहीं बल्कि सभी भारतवासियों को भी नई दिशा दिखाई। उन्हें आज्ञाकारी पुत्र और शिष्य कहा जाता है। शिवाजी अपनी माता की हर आज्ञा का पालन करते थे।
शिवाजी ने खेल-खेल में किला जीतना सिखा। उसी प्रकार हमें हिंदुत्व की राह पर चलते हुए समाज व राष्ट्र के लिए कार्य करना चाहिए। शिवाजी ने गुलाम भारत में हिंदू साम्राज्य की स्थापना की। जिस प्रकार शिवाजी ने अपनी मां व गुरुजी के पद चिन्हों पर चलते हुए कार्य किए उसी प्रकार हमें भी छत्रपति शिवाजी के पद चिन्हों पर चलते हुए हिंदुत्व के लिए कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम में अध्यक्ष मुकेश नाहटा कुलदीप पारीक अर्जुन जोशी अमन गोड़ बाबू डांगी नारायण बलदेवा युगल सोनी यस गोड़ अक्षय सेन शुभम सोनी अंकित वैष्णव बबलू पारिक विक्रम गोस्वामी अमन गोड़ दितीय मोनू गुर्जर शुभम लक्षकार कृष्णा सोनी आदि जन उपस्थित थे।