मनासा गांव नलखेडा में चल रही रामलीला के सातवें दिन रामलीला के मंच से गांव के युवा कलाकारों ने रावण द्वारा माता सीता के हरण, लक्ष्मण द्वारा राक्षस राजकुमारी सुर्पनखा की नाक काटना, जटायु का रावण से युध्द करना, खरदूषण का राम से यूध्द करने का सजीव चित्रण किया गया।
इसमें राक्षस रानी सुर्पनखा जब सुन्दरी बनकर दोनों वनवासी राम एवं भरत के साथ विवाह की अभिलाषा लेकर दंडकारण्य में आई तो उसे भगवान राम एवं लक्ष्मण ने अपनी पत्नि रूप में अस्वीकार करते हुए उसका तिरस्कार कर दिया। ऐसे में तिरस्कृत सुर्पनखा द्वारा सीता माता को खा जाने का प्रयास किया, लेकिन लक्ष्मण ने सुर्पनखा का नाक, कान काट दिए। ऐसे में अपमानित सुर्पनखा अपने भाई खर एवं दूषण के पास पहुंची। जहां सुर्पनखा ने अपने साथ हुई आपबीती दोनो भाईयों को सुनाई। खरदूषण, राम एवं लक्ष्मण का वध करने चतुरंगी सेना लेकर दंडकारण्य पहुंचे, जहां भीषण युध्द के बाद भगवान ने खरदूषण का वध कर उनका उध्दार किया। राक्षस राजकुमारी लंका के राजा रावण के दरबार में पहुंची। जहां पर उसने अपने साथ हुई आपबीती एवं खरदूषण के मारे जाने का समाचार रावण को बताया। रावण ने ऋषी का वेष धर माता सीता का हरण किया।
इस अवसर पर पुर्व जनपद सदस्य नन्दकिशोर पोरवाल, नगर कांग़ेस अध्यक्ष जगदीशचन्द शर्मा, श्रीचारभुजा नाथ समिति अध्यक्ष संतोष मालानी, जिला किसान कांग्रेस उपाध्यक्ष दिलीप मोदी सहित बडी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे। इस दौरान सुर्पनखा बंटी शर्मा, रावण कमलेश शर्मा, खरदूषण चंद्रप्रकाश मोदी, अर्जून शर्मा, सीता भरत कनेरिया, राम राहुल पाटीदार सहित अन्य कलाकारों ने अपने अभिनय से श्रोताओं को खुब आनन्दित किया।