BREAKING NEWS
वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     BIG REPORT : जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जिला.. <<     KHABAR : रांझी तहसील का कलेक्टर ने किया औचक.. <<     KHABAR : श्रीजी क्लब ने मनाई अक्षय तृतीया,.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR :  रेलवे गेट की खराब सड़क का प्रशासनिक.. <<     KHABAR : लोकसभा चुनाव के में मतदान का प्रतिशत.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : लोकसभा चुनाव के लिये मतदान मशीनों को.. <<     VIDEO NEWS: देवास के बागली तहसील में राष्ट्रीय.. <<     KHABAR : जिला कलेक्टर के निर्देश पर महेश्वर,.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     KHABAR : खरगोन-बड़वानी लोकसभा क्षेत्र क्रमांक-27 के.. <<     KHABAR : चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के निर्वाचन.. <<     वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन देने के.. <<     VIDEO NEWS: यूपी में गर्मी ने 18 साल का रिकॉर्ड तोड़ा,.. <<     VIDEO NEWS: एमपी के इस जिले में मतदाता जागरूकता के.. <<     REPORT : लोकसभा निर्वाचन के तहत जारी हुआ आदेश, अब.. <<     VIDEO NEWS: शूटिंग के लिए अजमेर पहुंचे अक्षय कुमार,.. <<     KHABAR :  लोकसभा चुनाव को लेकर मतदाता जागरूकता के.. <<    
वॉइस ऑफ़ एमपी न्यूज़ चैनल में विज्ञापन के लिए..
February 21, 2023, 11:24 am
KHABAR : जैन श्वेतांबर श्री भीड़ भजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ के तत्वावधान में विशेष धार्मिक प्रवचन का आयोजन, साध्वी हर्षप्रिया श्रीजी ने कहा- अपने अधिकार का सरवांश दान बलिदान होता है, पढ़े खबर 

Share On:-

नीमच। दान इस प्रकार करना चाहिए कि किसी परिवार जन को भी पता नहीं चलना चाहिए। जिसको दान दे तो  उससे किसी प्रकार की अपेक्षा नहीं करना चाहिए। दान देने के बाद पश्चाताप नहीं करना चाहिए। दान देने के बाद अनुमोदना करना चाहिए। दान करने के बाद किसी भी प्रकार का प्रचार-प्रसार नहीं करना चाहिए। 

यह बात साध्वी मुक्ति प्रिया श्री जी की उपस्थिति में साध्वी हर्ष प्रिया श्री जी मसा ने कही। वे पुस्तक बाजार स्थित आराधना भवन में जैन श्वेतांबर श्री भीड़ भजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ के तत्वावधान में आयोजित विशेष धार्मिक प्रवचन श्रृंखला में बोल रही थी। उन्होंने कहा कि दान देने के बाद उसका दिखावा नहीं करना चाहिए नहीं तो उसका पुण्य नहीं मिलता है और तभी दान एक दिन वरदान बन जाता है। दान उत्कृष्ट बलिदान होता है। पशु भी यदि सच्चे मन से दान में सहयोगी बने तो उनके भी पाप कर्मों का क्षय हो सकता है और मोक्ष मार्ग मिल सकता है। कर्म का फल मिलकर ही रहता है। इसलिए सदैव अच्छे पुण्य कर्म ही करना चाहिए। बुरे कर्मों से सदैव बचना चाहिए। होनी को कोई टाल नहीं सकता है।

उन्होंने कहा कि कृष्ण महाराजा की मृत्यु उनके भाई जरा के हाथों होनी थी।जरा को इस बात का पता चल गया तो उन्होंने 12 वर्ष तक जंगलों में जाकर रहने लगे लेकिन होनी नहीं टलतीऔर एक दिन जरा  को जंगल में श्रीकृष्ण महाराजा के पांव में पद्म चक्र दिखा जिसे वे हिरण की आंख समझकर तीर चला बैठे और उनके हाथों कृष्ण के पैर में तीर लग गया था और उनकी मृत्यु हो गई थी। आंखों पर संयम होना आवश्यक होता है। रावण ने सीता को देखा नहीं होता तो रामायण नहीं होती। आंखों की दृष्टि के कारण ही नियत खराब होती है और बुराई उत्पन्न होती है। आंखें झुक जाती है तो आत्म कल्याण का मार्ग खुल जाता है। समय बता देता है कि रिश्ता कौन सा महत्वपूर्ण होता है। कोरोना काल ने हमें बता दिया कि हमारे अपने भी पराए हो गए थे। दर्द आंसू दिखाते हैं। व्यवहार परिवार की पहचान करता है। व्यक्ति की सोच के ज्ञान का परिचय देती है। ठोकर ध्यान का परिचय देती है। ज़बान इंसान की पहचान कराती है ।आंखें चरित्र कैसा है दिखाती है। हमारी आंखें गलत दृष्टिकोण से बुराई बढ़ा देती है तो उनके हाथों से उल्टे सीधे काम होना शुरू हो जाते हैं इसलिए सदैव अच्छाई को ही देखना चाहिए। बुराई को कभी नहीं देखना चाहिए। उसका त्याग करना चाहिए। भोजन करने से पूर्व 1 मिनट तक इस प्रकार का भाव लाना चाहिए कि कोई साधु संत आए और मैं उसको एक रोटी दूं या कोई भिखारी आए उसको भी रोटी दु, या कोई गाय या कुत्ता आय उसको रोटी दु उसके बाद ही भोजन करूं तो अपनी आत्मा का कल्याण हो सकता है।मन की शुद्धि चित्त की शुद्धि के बाद ही दान देना चाहिए। धर्म करते समय आनंद की अनुमोदना करनी चाहिए ।तपस्या करें ।दान दीक्षा लेने की प्रेरणा देनी चाहिए। स्वयं तपस्या करनी चाहिए और दीक्षा लेने का भाव रखना चाहिए तभी आत्मा कल्याण हो सकता है।

उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण महाराजा ने द्वारिका नगरी में ढिंढोरा पिटवावाया था कि यदि कोई भी व्यक्ति  दीक्षा लेता है तो उसके परिवार के पालन पोषण की जिम्मेदारी कृष्ण महाराजा लेंगे उसका दीक्षा महोत्सव भी कृष्ण महाराजा मनाएंगे। फैशन की दौड़ में लोग धर्म के पुण्य कर्म को भूलते जा रहे हैं चिंतन का विषय है ।यदि हम दीक्षा नहीं ले सकते हैं तो वर्षी दान का पुण्य ग्रहण कर सकते हैं।अच्छे कार्यों की जीवन में सदैव अनुमोदना करनी चाहिए और बुरे कार्य से सदैव बचना चाहिए। जैन शासन महान होता है।दीक्षा महोत्सव से यदि एक भी व्यक्ति पाप कर्म की राह छोड़कर पुण्य कर्म की ओर बढ़ जाता है तो धर्म महोत्सव सार्थक  होता है।

मुक्ति प्रिया श्री जी के सानिध्य में प्रतिदिन प्रवचन श्रृंखला प्रवाहित-
श्री जैन श्वेतांबर भीड़ भंजन पार्श्वनाथ मंदिर ट्रस्ट श्री संघ नीमच के सचिव मनीष कोठारी ने बताया कि पुस्तक बाजार स्थित आराधना भवन में प्रतिदिन 9.15 बजे साध्वी मुक्ति प्रिया श्री जी महाराज साहब के सानिध्य में धार्मिक प्रवचन आयोजित किए जा रहे हैं।

VOICE OF MP
एडिटर की चुनी हुई ख़बरें आपके लिए
SUBSCRIBE