नीमच। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां किसान आवारा पशुओं से परेशान रहता है। रात-दिन खेतों पर निगरानी कर अपनी फसल की सुरक्षा करता है तो वहीं शहरी क्षेत्रों में भी शहरवासी इन आवारा पशुओं से परेशान देखे जा रहे है।
नीमच नगर पालिका इन आवारा पशुओं को पकड़ने की मुहीम तो चला देती है लेकिन उसका धरातल पर क्रियान्वयन सही नहीं होता है। कुछ दिन ये मुहीम चलती है फिर ठन्डे बस्ते में चली जाती है। शहर के मुख्य मार्गो सहित कॉलोनियों में भी इन आवारा पशुओं की भरमार देखी जा सकती है। मुख्य मार्गो पर बैठे ये आवारा पशु राहगीरों के लिए मुसीबत खड़ी करते है। वाहन चालकों को कई बार इनसे दुर्घटना का भय भी रहता है।
वहीं बात करे नीमच शहर की कॉलोनियों की तो यहाँ भी ये आवारा पशु और सांड रहवासियों के लिए बड़ी दिक्कतें पैदा कर रहे है। आपस में लड़ते ये सांड कई बार कॉलोनी में खड़े वाहनों को गिरा देते है और नुकसान पहुंचा देते है। रहवासियों को चिंता सता रही है कि सुबह-शाम छोटे-छोटे बच्चें खेलते है, साइकल चलाते है, वहीं वृद्धजन और महिलाए भी बाहर घूमते है ऐसे में इन आवारा पशुओं से जनहानि की आशंका बनी रहती है। पूर्व में भी स्कीम न 9 में एक व्यापारी के पिताजी के मृत्यु इन्ही आवारा पशुओ के लड़ने के चक्कर में चली गई थी।
शहरवासियों ने नगर पालिका से मांग की है कि जल्द से जल्द इन आवारा पशुओं को पकड़ने की स्थाई मुहीम चलाई जाए। जिसके कारण आमजन बेखौफ होकर शहर में रह सके।