मंदसौर। वन विभाग द्वारा कल मन्दसौर में गैर वन क्षेत्रों में वानिकी विस्तार हेतु जन जाग्रति एवं गैर वन क्षेत्रों में वन्य प्राणी संरक्षण तथा रेस्क्यू कार्य प्रशिक्षण का एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जिसके अंतर्गत वन्य प्राणी को रेस्क्यू करके सुरक्षित स्थानों पर छोड़ने तथा उनकी रक्षा करने सम्बन्धी जानकारी दी गई। इस कार्य शाला में आसपास के सर्प रक्षक भी शामिल हुए और सर्प के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गा विजय पाटीदार, जनपद अध्यक्ष बसंत शर्मा और पूरी वनविभाग की टीम और सर्प रक्षक मौजूद रहे।
जिला पंचायत अध्यक्ष दुर्गा विजय पाटीदार ने बताया कि किसान भाई ने अपनी सहभागिता रखी थी। जिसमे किसान नील गाय से परेशान हो रहे थे। क्योंकि नील गाय का प्रकोप दिन प्रतिदिन बड़ रहा है। जिससे किसानों की फसलों में नुकसान तो हो ही रहा है और सड़क दुर्घटनाएं भी बड़ रही हैं। सन 2016 में गोमा पद्धति लागू की गई थी। नील गाय को पकड़ने की जिसमे शासन का काफी पैसा भी खर्च हुआ था। शासन प्रशासन ने अच्छा कदम उठाया है कि नील गाय को पकड़कर गांधीसागर अभ्यारण में छोड़ना पर वो गाय वापस आ सकती है तो ये टेक्निक पूरी फेल हो सकती। मेरा यही मानना है कि नील गाय को पकड़कर नस बन्दी कर दी जाए, जिससे इनकी आबादी को कम किया जा सके। जब मनुष्य की आबादी को भी हम नसबन्दी से कम कर सकते तो नील गाय की आबादी को भी हम कंट्रोल कर सकते हैं।