रेवली देवली। एक जमाना था तब ग्रामीण क्षेत्र में किसी के घर पर साइकिल आना बहुत बड़ी बात हुआ करती थी। उसी समय ग्रामीण क्षेत्र का यदि कोई व्यक्ति किसी बड़े शहर में कार्य करके आता तो पूरे गांव का जमावड़ा उसके घर पर होता, और उसे बहुत बड़ी उपलब्धि मानी जाती थी। उसी दौर में रेवली देवली के एक शख्स ने दुबई जाकर के वर्षों तक कार्य किया तथा अपनी कारीगरी का लोहा दुबई जैसे शहर में मंनवाया आज भी उनके हाथों की कारीगरी दुबई जैसे शहर में शोभायमान है वहां पर कार्य करने के बाद पुनः अपने देश आकर अपनी मातृभूमि की सेवा की। ऐसे समाजसेवी, धार्मिक एवं संघर्षशील व्यक्तित्व के धनी जगदीश जी कुमावत ( टाक) का बीते दिनों स्वास्थ्य खराब हुआ और कई जगहों पर दिखाने के बाद भी स्वास्थ्य में लगातार गिरावट होती रही और अंततः नीमच के निजी अस्पताल में उन्होंने अपने जीवन के अंतिम सांस ली। अपने पीछे व तीन भाई कंवरलाल राजमल तथा रतनलाल, नरेंद्र ( भाई का लड़का) तथा सत्यनारायण ,परसराम एवं दशरथ (पुत्र) के रूप में एक भरा पूरा परिवार अपने पीछे छोड़ गए हैं। मिलनसार व धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्तित्व के रूप में उनकी एक अलग पहचान थी।उन की शव यात्रा में रेवली देवली सहित आसपास के क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने मुक्तिधाम पर अपनी श्रद्धांजलि दी । उठावना मंगलवार को प्रातः 9 किया जाएगा। उपरोक्त जानकारी पत्रकार मोहन नागदा ने दी।