चित्तौडगढ। 22 अप्रैल को भगवान परशुराम जी के अवतरण दिवस के शुभ पर्व पर नवकुंडीय परशुराम महायज्ञ का आयोजन समस्त ब्राह्मण समाज मधुवन सेंती चितौड़गढ़ द्वारा हाथीकुंड मंदिर मधुबन पर किया जा रहा है।
यज्ञाचार्य पंडित राकेश शास्त्री ने बताया विगत 7 वर्षों से परशुराम महायज्ञ का आयोजन किया जाता रहा है। इस वर्ष भी नवकुंडीय परशुराम महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा जिसमें 51 जोड़ें परशुराम भगवान की पूजन कर परशुराम महायज्ञ में आहुतियां देंगे। पंडित राकेश शास्त्री ने कहा कि परशुराम जयंती व अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को 125 साल बाद पंच ग्राही योग बन रहा है। क्योंकि शनिवार को आने वाले मेष राशि में चतुरग्राही महासंयोग वृषभ राशि में वक्री शुक्र एवं उच्च का चंद्रमा है। कुंभ राशि में शनि स्वराशि का होने से अत्यंत ही मंगलकारी पंचग्राही महायोग बन रहा है। सुंदर पंचग्राही महायोग में हाथी कुंड मंदिर मधुबन चित्तौड़गढ़ पर नवकुंडीय परशुराम महायज्ञ का किया जा रहा है इस यज्ञ में अखंड भारतवर्ष के संपूर्ण सनातन धर्म के भक्त सादर आमंत्रित है।
पंडित राकेश शास्त्री ने कहा कि भगवान परशुराम जी ने हमेशा अधर्म का विनाश करके सनातन धर्म की स्थापना की है। आइए हम सब मिलकर चिरंजीवी भगवान परशुराम जी के इस सुंदर महायज्ञ में अपनी आहुति दे और भगवान का अनुसरण करे।
भगवान परशुराम महायज्ञ की तैयारियां चल रही है इसमें भगवान परशुराम की भव्य झांकी बनाई जाएगी। 22 अप्रैल 2023 शनिवार को प्रातः 8 बजे घट स्थापन के साथ भगवान परशुराम की पूजा अर्चना होगा बाद में परशुराम महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा।