मंदसौर। संविदा स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा माह जनवरी मे हड़ताल की गयी थी, तब शासन द्वारा एक माह मे मांगो के निराकरण करने का आश्वाशन दिया गया था, परन्तु 3 माह पश्चात भी संविदाकर्मियों की मांगो को लेकर किसी भी प्रकार का कोई शासकीय पत्र जारी नहीं हुए है। शासन द्वारा आश्वाशन पर अमल ना करने के कारण संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को मजबूरन हड़ताल पर पुनः बैठना पड़ा।
अनिश्चित कालीन क्रमिक भुखड़ताल हड़ताल के साथ 13वें दिन शासन की संविदा नीति के विरोध में, प्रधानमंत्री के मन की बात के 100 एपिसोड पूरे हुए है। तो आज संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा प्रधानमंत्री का मुखौटा पहनकर निवेदन किया की आप हमारी जायज मांगों का निराकरण कर, हमारे मन की पीढ़ा को भी समझे और मध्यप्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री को अपना संकल्प पूर्ण करने की घोषणा करने हेतु निर्देशित करें, संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को भी नियमित किया जाए, जब तक नियमित नही होते है तब तक, 5 जून 2018 की नीति लागू करने की घोषणा करने हेतु सूचित करने की कृपा करें। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी दौ सूत्रीय मांगो को लेकर विगत कई सालो से शासन से मांग कर रहे हैं। संविदा कर्मचारी और नियमित कर्मचारियों के वेतन मे जमीन आसमान का अंतर होने से संविदा कर्मचारी 05 जून 2018 की नीतियों को लागु करवाने हेतु लामबद्ध हैं।
संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा हैं, मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा हैं, साथ ही शासन की जननी सुरक्षा योजना और प्रसूति सेवा योजना का लाभ भी हितग्राहीयो को नहीं मिल पा रहा हैं। वर्तमान मे एनएचएम के समस्त 52 जिलों के संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। साथ ही साथ लाडली संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी बहने और उनके बच्चे भी अपनी 90 प्रतिशत की नीति के लिए मामाजी से आस लगाए बैठे है।
ये है 2 सूत्रीय मांग-
1- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अधिकारी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। जब तक नियमितीकरण नहीं हो जाता, तब तक 5 जून 2018 की नीति शासन सामान्य प्रशासन द्वारा पारित नीति तत्काल प्रभाव से लागू की जाए।
2- आउटसोर्स प्रथा में किए गए सपोर्ट स्टाफ का समायोजन किया जाए और निष्कासित साथियों की वापसी की एवं पहले की गई अनिश्चित हडताल के कारण भोपाल में जिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के खिलाफ पुलिस प्रकरण दर्ज किए गए है, उन्हें तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए।
अपनी मांगों को लेकर एनएचएम संविदा स्वास्थ्यकर्मी पिछले 12 वे दिन से, मोर्चा खोलकर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे है। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि 15 दिसंबर 2022 से 5 जनवरी 2023 तक 20 दिन चली हड़ताल के दौरान शासन के द्वारा हमारी न्यायोचित मांगो को पूरा करने संबंधी आश्वासन दिया गया था। लेकिन आज तक शासन के द्वारा हमारी मांगो को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की है। 90 प्रतिशत नीति की फाइल लंबित है। जिसको आज दिनांक तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। ऐसी स्थिति में फिर से हड़ताल पर बैठने को मजबूर होना पड़ा है। आगामी दिनों में विभिन्न तरीको से सरकार के समक्ष मांगों के लिए आवाज जोरदारी के साथ उठाई गई लेकिन कोई भी परिणाम नहीं निकला। विगत शासन प्रशासन ने अभी तक कोई सूद नही ली तो आमरण अनशन पर अपनी जायज मांगों को लेकर भोपाल बैठेंगे।