नीमच। श्रीमद् भागवत श्री कृष्ण का वांग्मय स्वरूप है। यह पंचम वेद है। वेद उपनिषदों का सार है। श्रीमद् भागवत श्रवण करने से मन पवित्र होता है और कष्टों का संहार होता है। श्रीमद् भागवत श्रवण करने से आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। यह बात पंडित परशराम शर्मा ,केलुखेड़ा वाले ने कही। वे मंशापूर्ण हनुमान जी एवं मंशापूर्ण महादेव एवं समस्त ग्रामवासी भाट खेड़ा जिला नीमच के संयुक्त तत्वाधान में भाटखेड़ा हाईवे पर स्थित मंशापूर्ण बालाजी महाराज भाट खेड़ा के प्रांगण में प्रथम पाटोत्सव के उलक्ष्य में आयोजित श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा के शुभारंभ अवसर पर बोल रहे थे ।उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत सत्य की अनुभूति कराने वाला ग्रंथ है। श्रीमद्भागवत में भागवत शब्द में भ से भवसागर पार कीर्ति को बढ़ाता है। ग से ज्ञान प्रदान कर जीवन का कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। व से वैराग्य के माध्यम से भक्ति का भाव जगाता है। त से मुक्ति का भाव जागृत कर आत्म कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है। इससे पूर्व कलश यात्रा का शुभारंभ श्रीमद् भागवत गौशाला भाटखेड़ा से प्रारंभ हुई जो ग्राम क्षेत्र के प्रमुख मार्गाे से होती हुई मंशापूर्ण बालाजी महाराज भाट खेड़ा स्थित भगवत पंडाल में पहुंचकर धर्म सभा में परिवर्तित हो गई। यात्रा में महिलाएं मंगल कलश शिरोधार्य किए लाल परिधानों में चल रही थी। बैंड बाजों पर भजनों की स्वर लहरियां बिखर रही थी। श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा प्रतिदिन सुबह 11रू30 से दोपहर 3 बजे तक मंशापूर्ण बालाजी महाराज भाटखेड़ा फोरलाइन पर आयोजित होगी। इसके साथ ही 28 मई को कथा विश्राम के बाद महा प्रसादी दोपहर 3 बजे आयोजित की जाएगी।
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