भोपाल। न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज तहसीलदार और नायब तहसीलदार सोमवार को काम पर लौट सकते हैं। राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव से मुलाकात के बाद मप्र राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ निर्णय लेगा। काम नहीं करने से अकेले भोपाल में ही 6 हजार से ज्यादा केस पेंडिंग हो गए हैं। ज्यादातर केस आमजनों से जुड़े हुए हैं।
यदि राजस्व अधिकारी सोमवार से ही काम पर लौटने का निर्णय लेते हैं तो पेंडिंग केस को जल्दी निपटाने की बड़ी चुनौती होगी। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद्र कुंभकार ने बताया कि आज प्रमुख सचिव से मुलाकात के बाद संघ काम पर लौटने से संबंधित फैसला लेगा।
बता दें कि काम बंद को लेकर सरकार सख्त है, 3 दिन पहले इसे लेकर सभी संभाग आयुक्तों को निर्देश दिए गए हैं कि जो तहसीलदार-नायब तहसीलदार काम पर नहीं लौटते है उन्हें निलंबित किया जाए।
भोपाल में जनता से जुड़े 500 मामले आते हैं हर रोज
जानकारी के अनुसार, नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित करीब 500 से अधिक मामले रोजाना आते हैं। इसके अलावा हर दिन करीब 300 प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। इस वजह से दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ा दी गई है। अब तक पेंडिंग केस का आंकड़ा 6 हजार तक पहुंच गया है।
फिल्ड और ऑफिस के काम में विभाजित किए गए
भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसील हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे हैं।
मंत्री-अफसरों को सुना चुके समस्या
इस संबंध में मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई। इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया।