उज्जैन। ग्राम धतरावचदा तहसील घट्टिया निवासी धर्मेन्द्र व उनकी पत्नी कुन्ता मजदूरी में इतने व्यस्त रहते हैं कि उनका पुत्र वैभव उम्र 15 माह कब कुपोषण का शिकार हो गया पता भी नहीं चला। वैभव को सांस लेने में तकलीफ, बुखार होने के कारण उसके माता-पिता मातृ एवं शिशु चिकित्सालय चरक भवन लेकर आये, जहां पर चिकित्सक द्वारा जांच कर बताया कि वैभव को निमोनिया है। उसे अस्पताल में भर्ती कर उपचार की आवश्यकता है। यह बेहद कमजोर भी है, जो कुपोषण के लक्षण हैं। निमोनिया ठीक होने के बाद वैभव के कुपोषण का पूरा उपचार किया जाता है तो वैभव के कुपोषण को दूर किया जा सकता है। निमोनिया ठीक होने के बाद वैभव को चरक भवन मे संचालित पोषण पुनर्वास केन्द्र मे भर्ती किया गया जहां पर वैभव की आवश्यक जांच करवाई एवं उपचार प्रारंभ किया। पोषण पुनर्वास केन्द्र मे वैभव को दो सप्ताह भर्ती रख आवश्यक उपचार एवं पोष्टिक आहार प्रदान किया गया एवं चिकित्सक डॉ.आयुषी चौहान एवं स्टाफ द्वारा पुर्ण निगरानी की एवं उचित देखभाल की, जिसके फलस्वरूप वैभव कुपोषण से मुक्त हो सका।