नीमच। शहर सहित प्रदेश के कई जिलों से गुजर रहे जावरा-नयागांव फोरलेन पर आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। इन दुर्घटनाओं के चलते ही ये फोरलेन एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस फोरलेन की खामियों को लेकर समय-समय पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को ज्ञापन-आवेदन सौंपे गए। बावजूद अब तक किसी भी जिम्मेदार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया है।
नीमच जिला राजस्थान का सीमावर्ती जिला है। जिले की सीमाएं तीन ओर से राजस्थान के प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ व भीलवाड़ा जिले से सटी हुई है। वहीं एक ओर की सीमा प्रदेश के मंदसौर जिले से लगी हुई है। नीमच जिले से नेशनल हाईवे क्रमांक 79 गुजरता है। इसे हाईवे को महू-नसीराबाद नेशनल हाईवे कहा जाता है। इस हाईवे पर जावरा-नयागांव फोरलेन के बीच आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण फोरलेन निर्माण के दौरान बरती गई अनियमितता व गाइड लाइन का पालन नहीं करना सामने आया है। जानकारी के अनुसार पिछले 10 माह में 60 से ज्यादा हादसे हो चुके हैं। इन दुर्घटनाओं में करीब 20 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं 85 से ज्यादा लोग घायल भी हुए हैं। इस फोरलेन को अब मौत का फोरलेन के नाम से पुकारा जा रहा है।
फोरलेन निर्माण के दौरान ये नियम भूली कंपनी-
- फोरलेन पर जहां क्रॉस है वहां ओवरब्रिज का निर्माण नहीं किया गया है।
- फोरलेन निर्माण के समय सड़क के दोनों ओर शोल्डर भी मापदंडों के अनुरूप नहीं बनाए गए हैं।
- फोरलेन के क्रॉस पर हादसे रोकने के लिए डिवाइडर बनाए गए हैं जो मापदंडों के विपरीत है।
- फोरलेन के फंटों पर जो ढलान दिया गया है वह भी दुर्घटनाओं का मुख्य कारण है।
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जिम्मेदार विभागों ने दुर्घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया-
- जिले से गुजर रहे फोरलने के फंटों पर यातायात नियमों का पालन करने से संबंधित बोर्ड लगाया गया है।
- जावरा-नयागांव फोरलेन पर स्थित क्रॉस पर क्षतिग्रस्त वाहनों को दिखाकर वाहन चालकों को स्पीड पर नियंत्रण रखने की समझाइश दी गई है।
- फोरलेन पर होर्डिंग्स लगाकर वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने की सीख दी गई है।
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जागरूक नागरिकों का कहना-
अभिभाषक राजेश लालवानी ने बताया कि फोरलेन निर्माण के दौरान संबंधित विभाग व जिम्मेदार ठेकेदार ने अनियमितता बरती है। इस मार्ग पर कई क्रॉस है। इन क्रॉस पर बड़े आकार के ओवरब्रिज का निर्माण किया जाना था। लेकिन पूरे मार्ग पर कहीं भी ओवरब्रिज का निर्माण नहीं किया गया है। वहीं मालखेड़ा व भरभड़िया सहित अन्य फंटों पर दिया गया ढलान भी दुर्घटनाओं का एक प्रमुख कारण है। शहर व प्रदेश की जनता जिम्मेदार विभाग की अनदेखी का खामियाजा भुगत रही है। इनकी इस खामी के चलते कई लोग असमय मौत के मुंह में समा गए हैं।
समाजसेवी किशोर जेवरिया ने बताया कि नीमच जिले से गुजर रहा नेशनल हाईवे क्रं. 79 मौत का फोरलेन है। जावरा से नयागांव के बीच बने इस फोरलने पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। अधिकतर सड़क दुर्घटनाएं हाईवे पर स्थित फंटों पर होती है। जेतपुरा फंटे सहित अन्य फंटों पर सड़क निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही लोगों की जान ले रही है। क्रॉस रोड पर कहीं भी ओवरब्रिज का निर्माण नहीं हुआ है। कई बार क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए। लेकिन इन जिम्मेदारों को जनता की जान की कोई परवाह नहीं है। अब तक फोरलेन पर जितनी भी मौतें हुई है इन मौतों का जिम्मेदार ये जिम्मेदार जनप्रतिनिधि व अधिकारी ही है।