मंदसौर। मंदसौर जिले के गांव गुर्जर बर्डीया के रहने वाले समरथ गुर्जर एक समय बैंक में नौकरी करते थे, लेकिन उन्हें नौकरी करना ठीक नहीं लगा। उनका सपना था कि, मैं 1 दिन अन्य लोगों को भी रोजगार दूंगा और उनके इस सपने को पूरा करने में उद्यानिकी विभाग की प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना ने पूरा सहयोग किया। समरथ को उद्यानिकी विभाग के माध्यम से जानकारी मिली की वह गार्लिक के लिए उद्योग स्थापित कर सकते हैं। उसके लिए सरकार ने योजना चलाई है। उन्होंने इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया और उन्हें बैंक ऑफ इंडिया के माध्यम से 27 लाख 90 हजार का लोन मिला। जिस पर उन्हें 10 लाख रुपए की सब्सिडी भी प्रदान की गई।
समरथ गुर्जर कहते हैं, कि मैंने योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया और मात्र 5 महीने में मुझे लोन प्राप्त हो गया। मेने 2 माह पहले ही यूनिट स्थापित की है। इसके माध्यम से गार्लिक बना रहा हूं और उस गार्लिक को मंदसौर के साथ-साथ अन्य जिलों में भेजता हू। इस मशीन से लहसुन की ग्रेडिंग भी होती है। जिससे मंडी में लहसुन की दाम अधिक मिलते हैं। आसपास के अन्य किसान भी लहसुन की ग्रेडिंग कराने के लिए आते हैं। उससे भी मुझे अतिरिक्त आय प्राप्त हो रही हैं। इनका कहना है कि मेरा उद्योग इसी तरह से चलता रहा तो मैं आगामी 1 से 2 वर्ष में लोन का सारा पैसा भी जमा करा दूंगा।
मेरी यूनिट को देखने के लिए अन्य जिलों से भी किसान आते हैं। भविष्य में इसको और बड़ा करने की सोच रहे हैं। इसके माध्यम से लहसुन के अन्य प्रोडक्ट का भी उत्पादन करेंगे। इसके साथ ही गार्लिक को रखने के लिए एक कोल्ड रूम भी बनाएंगे।
इस यूनिट को स्थापित करने में कलेक्टर गौतम सिंह एवं उद्यानिकी विभाग का बहुत सहयोग प्राप्त हुआ। मैं अब पूरे परिवार को रोजगार दे रहा हूं। इसके साथ ही 5 से 6 अन्य युवाओं को भी रोजगार दिया है। यह यूनिट इतनी अच्छी है, कि मेरे बच्चे भी इसमें पूरा सहयोग प्रदान कर रहे हैं। ये स्वयं तो आगे बढ़े है साथ में अन्य किसानों को भी आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। इनका विशेष तौर पर कहना है, कि मेरी स्वयं की गार्लिक यूनिट स्थापित होने की वजह से परिवार, गांव, समाज एवं रिश्तेदारी में मेरा मान सम्मान बढ़ा है।