भवानीमंडी। शहर में एक अनूठी पहल करते हुए एक नेत्रदानी की बड़ी बहन और सासू मां ने नेत्रदान का संकल्प करके अपने नेत्रदानी प्रियजन को श्रद्धांजलि अर्पित की।
भारत विकास परिषद के नेत्रदान प्रभारी एवं शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल ने बताया कि भवानीमंडी में पिछली 13 फरवरी को जर्दा व्यवसाई ओमप्रकाश गुप्ता का हृदयाघात के कारण स्वर्गवास होने के पश्चात परिवार सदस्यों के द्वारा स्वयं पहल करके उनका नेत्रदान करवाया गया था, ऐसे में ओमप्रकाश गुप्ता के घर पर संपन्न नेत्रदान प्रक्रिया के समय बड़ी संख्या में परिवार के सदस्य एवं रिश्तेदार उपस्थित थे, एवं अपनी आंखों से इस नेत्रदान कार्य को होता देखकर मृतक ओमप्रकाश की बड़ी बहन नरसिंहगढ़ निवासी कृष्णा गुप्ता एवं मृतक की झालावाड़ निवासी सासू मां सुशीला देवी नेत्रदान प्रक्रिया एवं नेत्रदान के परोपकार के कार्य से अत्यंत प्रभावित हुई, एवं दोनों ने नेत्रदान प्रभारी कमलेश दलाल के माध्यम से नेत्रदान का संकल्प करके ओमप्रकाश गुप्ता को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर ओमप्रकाश की पुत्री नेहा गुप्ता भी उपस्थित थी।
नेत्रदान का संकल्प लेते हुए झालावाड़ निवासी श्रीमती सुशीला गुप्ता एवं मध्य प्रदेश के नरसिंहगढ़ निवासी मृतक की बड़ी बहन कृष्णा गुप्ता ने बताया कि उन्होंने अपने प्रियजन ओमप्रकाश गुप्ता कि नेत्रदान प्रक्रिया को अपनी आंखों से देखा है, पहले उन्हें भ्रांति थी कि नेत्रदान प्रक्रिया एक बड़े ऑपरेशन के रूप में होती होगी, भारी रक्तस्राव और चेहरे पर विपरीत प्रभाव होता होगा, परंतु जब अपनी आंखों से देखा कि नेत्रदान की रक्तहीन प्रक्रिया अत्यंत सहज है, इसमें केवल कॉर्निया ही लिया जाता है एवं चेहरे पर कोई प्रभाव नहीं होता तो उन्हें भी नेत्रदान की प्रेरणा हुई, और अपने प्रियजन को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को उन्होंने नेत्रदान का संकल्प लिया जिससे मृत्यु के पश्चात उनकी आंखें भी परोपकार के कार्य में काम आ सके। दोनों महिलाओं ने कहा कि ओमप्रकाश गुप्ता के नेत्रदान से पूरे परिवार को एक गौरव और आत्मीय संतोष की अनुभूति प्राप्त हुई है।
कमलेश दलाल ने बताया कि आमतौर पर जन्मदिवस और विवाह दिवस समारोह में नेत्रदान का संकल्प कार्यक्रम आयोजित हुए हैं, परंतु नेत्रदान प्रक्रिया से प्रभावित होकर मृतक को श्रद्धांजलि देने के लिए घर परिवार की महिलाओं के द्वारा नेत्रदान संकल्प किया जाना बहुत बड़ी सकारात्मकता है।