चित्तौड़गढ़। राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के लिए पूरे राज्य में निंबाहेड़ा स्थित श्री कल्लाजी वेदपीठ एवं शोध संस्थान द्वारा संचालित नि:शुल्क आवासीय वेद विद्यालय का श्रेष्ठ वेदाश्रम के रूप में चयन कर इस संस्था को पंडित नवलकिशोर कांकर वेद वेदांग पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र के लिए चयन किया गया।
राजस्थान संस्कृत अकादमी के निदेशक संजय झाला के अनुसार विगत दो दशक से अधिक समय से कल्याण नगरी में संचालित नि:शुल्क आवासीय वेद विद्यालय की श्रेष्ठतम उपलब्धियों के लिए राज्य के अनूठे वेदाश्रम के रूप में चयन किया गया है। वेदपीठ के पदाधिकारियों एवं न्यासियों ने इस उपलब्धि के लिए ठाकुर जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां के वेद विद्यालय से अध्ययन कर लगभग 500 बटुक वैदिक शिक्षा अर्जन के बाद देश एवं प्रदेश के कई क्षेत्रों में अपने ज्ञान को प्रवाहित करते हुए इस वेद विद्यालय का एवं संस्था का नाम रोशन कर रहे है। उल्लेखनीय है कि श्री कल्लाजी वेदपीठ एवं शोध संस्थान को इससे पूर्व भी कई उत्कृष्ट पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।