सीहोर। किसानों के साथ-साथ गाँवों को भी आत्म-निर्भर बनाने का कार्य किया जा रहा है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान-कल्याण योजना लघु एवं सीमांत किसानों के लिये वरदान है। प्रदेश की अर्थ-व्यवस्था कृषि आधारित है। आबादी का 70 प्रतिशत भाग कृषि एवं कृषि आधारित संसाधनों पर निर्भर करता है। राज्य सरकार के सहयोग से हम सब किसान और गाँव को आत्म-निर्भर बनाने के लिये निरंतर कार्य कर रहे हैं। यह बात विगत दिनों किसान-कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल ने कही।
प्रदेश में कृषकों की समृद्धि के लिये निरंतर कल्याणकारी निर्णय लिये जा रहे हैं। किसानों को सशक्त बनाने के लिये किसान क्रेडिट-कार्ड योजना लागू की गई। किसानों की आय को दोगुना करने के लिये निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना संचालित की जा रही है। छोटे किसानों को दोनों योजनाओं में कुल मिला कर 10-10 हजार रूपये की राशि प्रतिवर्ष दी जा रही है। छोटे किसानों के लिये यह राशि आर्थिक संबल का काम कर रही है। किसानों को निश्चित ही लाभ मिलेगा, जो खेती-किसानी के उन्नयन और किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा।