सागर। विद्यालयों के प्राचार्य वर्तमान परिवेश में एक कुशल प्रबंधक के रूप में कार्य करें, जिससे संस्था के सुचारू संचालन में सुविधा होगी। उक्त विचार प्राचार्याे के 05 दिवसीय प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम के उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय सागर की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने कहीं।
इक्कीवसवीं सदी के विद्यार्थी और शिक्षक की भूमिका विषय पर बोलते हुए प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता ने प्रभावी उदबोधन दिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम समग्र शिक्षा अभियान एवं समाजविज्ञान शिक्षण अघिगम केन्द्र डॉ. हरिसिंह गौर विश्वयविद्यालय के संयुक्त तत्वापधान में आयोजित किया जा रहा है।
संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग सागर डॉ. मनीष वर्मा ने विश्व् परिदृश्य में शिक्षा व्यवथा पर मुमुर मुखोपाध्यामय की पुस्तक का उल्लेख करते हुए प्राचीन भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सर्वाेत्तम बताया। वर्मा ने अपने सारगर्भित उदबोधन में विद्यालय की संपूर्ण व्युवस्थाओं के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
मुख्या अतिथि प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता एवं अन्य अतिथियों द्वारा माँ सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख द्वीप प्रज्वरलित कर कार्यक्रम का विधिवत उदद्याटन किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी अखिलेश पाठक ने अपने स्वागत भाषण में पाँच दिवसीय उन्मुपखीकरण कार्यक्रम के लक्ष्य एवं उद्देश्यों के संबंध में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
पांच दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यक्रम को भोपाल से प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटी मास्ट ट्रेनर डॉ. कल्पना शर्मा, डॉ, सविता मिश्रा, डॉ संध्या गौतम एवं शैलेन्द्र जैन और अन्य अतिथि विद्वान आगामी पाँच दिवसों में विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।
पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आवासीय रूप से संचालित है जिसमें सागर जिले के 328 प्राचार्याे ने सहभागिता की है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उदघाटन सत्र में सभी अतिथियों ने प्रशिक्षण कार्यक्रम की भूरि.भूरि प्रशंसा की। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन प्राचार्य डॉ. कल्पना शर्मा ने तथा आभार प्रदर्शन सहायक संचालक डॉ. आशुतोष गोस्वामी द्वारा किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में मूलभूत नियम बैठकों, का प्रभावी आयोजन एवं निरीक्षण सिविल सेवा नियम वर्गीकरण एवं अपील नेतृत्वकर्ता के गुण विधानसभा के प्रश्न उत्तर इत्यादि विषयों पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया।
उदद्याटन कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाज विज्ञान शिक्षण अघिगम केन्द्र डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय के डॉ. संजय शर्मा, डॉ. महेन्द्र प्रताप तिवारी प्राचार्य पं. रविशंकर शुक्ल कन्या उ.मा.वि. सुधीर तिवारी प्राचार्य सहित जिले के विभिन्न जिले के विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे।
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