देवास। जिले में दस्तक अभियान का प्रथम चरण 18 जुलाई से 31 अगस्त तक आयोजित होगा। दस्तक अभियान के सफल क्रियान्वयन संबंध में जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया।
जिला स्तरीय प्रशिक्षण में बताया कि दस्तक अभियान के साथ समेकित दस्त नियंत्रण पखवाडा (आई.डी.सी.एफ.) का आयोजन आई.डी.सी.एफ. की संस्था तथा समुदाय आधारित गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। प्रशिक्षण में प्रथम चरण के सफल क्रियान्वयन के लिए विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यदायित्व बताएं गए। प्रशिक्षण में कहा गया कि दस्तक अभियान की माइक्रोप्लानिंग ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस नियमित टीकाकरण की कार्ययोजना के आधार पर की जाये। दस्तक अभियान प्रथम चरण अन्तर्गत समयबद्ध प्रशिक्षण माईक्रोप्लानिंग में शहरी क्षेत्र की मलीन बस्तियों, निर्माणाधीन स्थल, ईंट भट्टा, चलित /घुमन्तु जनसंख्या के आच्छादन के लिए विशिष्ट नियोजन किया जाये।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एमपी शर्मा ने बताया कि प्रदेश में बाल मृत्यु प्रकरणों में कमी लाने के उद्देश्य से विभाग द्वारा प्रतिवर्ष महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से दस्तक अभियान संचालित किया जाता है। यह अभियान वर्ष में 2 बार आयोजित किया जाता है। देवास जिले में दस्तक अभियान के प्रथम चरण 18 जुलाई से 31 अगस्त 2023 तक आयोजित होगा। अभियान के प्रथम चरण में 5 वर्ष तक के बच्चो की चिकित्सीय जांच कर बीमारियों की पहचान एवं त्वरित उपचार/प्रबंधन पर बल दिया जाता है।
जिला टीकाकरण अधिकारी सह नोडल अधिकारी दस्तक अभियान डॉ सुनील तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षण में जिला प्रशिक्षकों द्वारा समुदाय में बीमार नवजातो और बच्चों की पहचान प्रबंधन एवं रेफरल। पांच वर्ष से कम उम्र के गंभीर कुपोषित बच्चों की सक्रिय पहचान, रेफरल एवं प्रबंधन, 06 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों में गंभीर एनीमिया की सक्रिय स्क्रीनिंग एवं प्रबंधन, 05 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बाल्यकालीन दस्त रोग की पहचान एवं नियंत्रण के लिए ओ.आर.एस. एवं जिंक के उपयोग संबंधी जानकारी दी गई। गृह भेंट के दौरान आंशिक रूप से टीकाकृत एवं छूटे हुये बच्चों की टीकाकरण स्थिति की जानकारी लेने के संबंध में निर्देश दिये गये।
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