खरगोन। कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने नामांतरण के पेंडिंग प्रकरणों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। हालांकि इस अभियान को कोई नाम नहीं दिया गया। लेकिन इस अभियान से वर्षाे से अटके फौती नामांतरण के कार्य निश्चित तौर पर निश्चित समयावधि में होंगे। इस अभियान का फायदा यह होगा कि भूमि स्वामियों को भटके बगैर खसरे में अपने परिजनों का नाम दर्ज कराने में आसानी होगी और अगर पटवारी, तहसीलदार ने इसे अनदेखा किया तो उसे दो हजार रुपए की पेनल्टी देनी होगी। इतना ही नहीं पटवारियों पर लगने वाले 2 हजार रुपये पेनल्टी की राशि सम्बन्धित शिकायतकर्ता संबंधित किसान को दी जाएगी। खरगोन कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने यह नवाचार सोमवार को राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान सभी राजस्व अधिकारियों के बीच किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकार्ड दुरुस्त करने के लिए यह नवाचार शुरू किया जा रहा है। इसमें यह तय किया गया है कि तीस जून तक अगर कोई ऐसा प्रकरण सामने आता है जिसमें किसी व्यक्ति या कृषक की मृत्यु हो गई है और राजस्व रिकार्ड में भूमि स्वामी के तौर पर उसका फौती नामांतरण नहीं हुआ है तो पटवारी, तहसीलदार पर दो हजार रुपए की पेनल्टी लगाई जाएगी। पेनल्टी की पूरी रकम उस व्यक्ति को दी जाएगी जो पटवारी की गलती को सामने लाएगा। बैठक में अपर कलेक्टर जेएस बघेल, कसरावद एसडीएम अग्रिम कुमार, खरगोन एसडीएम ओएन सिंह, भीकनगांव एसडीएम मिलिंद ढोके, सभी डिप्टी कलेक्टर व तहसीलदार गूगल मीट के माध्यम से जुड़े।
31 मई तक जनसेवा अभियान में करना था कार्य-
कलेक्टर वर्मा ने तहसीलदार से कहा कि 31 मई तक जनसेवा अभियान के तहत बी-वन वाचन कर मृतकों व अन्य आवेदनों में यह कार्य पूर्ण करना था। अब 31 मई की स्थिति में ऐसा प्रकरण आने पर 30 जून के बाद पेनल्टी की कार्यवाही की जाएगी।
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