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July 1, 2023, 10:33 am
KHABAR : जिलाध्यक्ष के सामने बोले डॉ जैन ट्रांसफर के लिए दिए लगते हैं दो लाख, पीड़ित कर्मचारियों ने सांसद और भाजपा अध्यक्ष से की शिकायत, मामला शुचिकित्सा विभाग के उपसंचालक के भ्रष्ट आचरण का, पढ़े खबर

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रतलाम | रिश्वत मांगने और लेने के ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उप संचालक डॉ डीके जैन के खिलाफ आज पीड़ित कर्मचारियों ने सामूहिक मोर्चा खोल दिया है । सांसद से मिलने पहुंचे पशु चिकित्सा विभाग के पूर्व और वर्तमान कर्मचारियों ने भाजपा जिला अध्यक्ष को डॉ जैन की करतूतों से अवगत कराया। इसी दौरान डॉ जैन भी मौके पर पहुंचे। भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा ने जब शिकायतों के बारे में प्रभारी उपसंचालक से जवाब तलब किया तो डॉ जैन ने खुद को ईमानदार और मोदी भक्त बताया। सभी आरोपों को नकारते हुए डॉक्टर जैन ने अपने बयान में यह तक कह डाला कि ट्रांसफर करवाने के लिए विभाग के मंत्री जी को दो लाख रुपए देने पड़ते हैं। इसके बाद भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र से लुनेरा ने प्रभारी उपसंचालक डॉ जैन के भ्रष्ट आचरण की जांच करवाने और उन्हें बर्खास्त किए जाने की मांग शासन से करने की बात कही है।

गौरतलब है कि रिश्वतखोरी के ऑडियो और वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर डीके जैन सुर्खियों में आए थे। जिसके बाद उन्होंने सरकार और पशु चिकित्सा विभाग के मंत्री पर ही ट्रांसफर के लिए दो लाख रुपए लेने का आरोप लगा दिया। भाजपा जिला अध्यक्ष के सामने ही दिए इस बयान के बाद जिलाध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा ने कहा कि इतने सारे कर्मचारी झूठ नहीं बोल सकते इस भ्रष्ट अधिकारी के भ्रष्टाचार की जांच और बर्खास्त किए जाने की मांग शासन से करूंगा। वहीं, सांसद गुमान सिंह डामोर ने भी कर्मचारियों से मिली शिकायत के बाद प्रभारी उप संचालक के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की बात कही है।

दरअसल आज दोपहर दिशा समिति की बैठक में शामिल होने रतलाम सांसद गुमान सिंह डामोर पहुंचने वाले थे इसी दौरान पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उपसंचालक से पीड़ित कर्मचारी उनसे मिलने कलेक्टोरेट पहुंचे। जहां सांसद गुमान सिंह डामोर से मिलने के पहले भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा से उनकी मुलाकात हुई। डॉक्टर जैन भी मीटिंग में शामिल होने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। जहां वह कलेक्ट्रेट के गेट पर ही शिकायतकर्ता कर्मचारियों को बुरा भला कहने लगे और खुद को मोदी भक्त और ईमानदार अधिकारी बताते हुए चिल्लाने लगे। जिस पर भाजपा जिला अध्यक्ष ने प्रभारी उप संचालक को फटकार लगाते हुए कहा कि चिल्लाकर बात मत कीजिए। इतने सारे कर्मचारी झूठ बोल रहे हैं क्या। आप भाजपा सरकार की बदनामी कर रहे हैं।

कलेक्ट्रेट गेट पर हुए इस जोरदार ड्रामे के बाद मीडिया ने प्रभारी उप संचालक डॉ डीके जैन और भाजपा जिला अध्यक्ष राजेंद्र सिंह लुनेरा से बात की जिसमें डॉक्टर जैन ने अपने ऊपर लगे सभी आरोप नकारते हुए खुद को ईमानदार लोकसेवक बताया और कहा कि मंत्री को 2 लाख रुपये देने पड़ते हैं तब ट्रांसफर होता है। मीडिया में विवादित बयान देने पर भाजपा जिला अध्यक्ष ने भी डॉ जैन पर कार्रवाई किए जाने की मांग शासन से करने की बात कही है।

इस पूरे हाई वोल्टेज ड्रामे के कुछ देर बाद सांसद गुमान सिंह डामोर भी कलेक्ट्रेट पहुंचे जहां प्रभारी उपसंचालक से पीड़ित कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सांसद से डॉ जैन के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने की मांग की। सांसद गुमान सिंह डामोर ने मामले पर जांच करवाने और कार्रवाई करने का आश्वासन फिर कर्मचारियों को दिया है। कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने भी पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उप संचालक डॉ डीके जेन को निलंबित किए जाने का प्रस्ताव संभाग आयुक्त उज्जैन को भेजने की बात कही है।

यह था मामला

पशु चिकित्सा विभाग में भ्रष्टाचार का यह मामला उस समय सुर्खियों में आया जब लोकायुक्त पुलिस उज्जैन की टीम एक शिकायत की तस्दीक करने के लिए रतलाम पहुंची थी। जिसके कुछ समय बाद ही सोशल मीडिया पर रिश्वत मांगने के कुछ ऑडियो वायरल हुए। वायरल ऑडियो डॉक्टर डीके जैन और विभाग के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के बीच हुई बातचीत के थे। जिसमें डॉक्टर जैन कर्मचारी से उसकी तनख्वाह निकालने के नाम पर दो हजार रुपए की रिश्वत की मांग करते सुनाई दे रहे थे। एक अन्य ऑडियो में भी डॉक्टर जैन किसान से विभाग की योजना का फार्म भरने के लिए दो हजार लेकर आने का कहते सुनाई दे रहे थे । जिसके बाद एक वीडियो भी सामने आया जिसमें डॉ डीके जैन किसी व्यक्ति से रुपए लेकर गिनते हुए नजर आ रहे हैं। जिसके बाद इस मामले की मीडिया रिपोर्ट और शिकायत के आधार पर जिला प्रशासन और विभागीय स्तर पर प्रभारी उप संचालक को नोटिस देकर जांच प्रारंभ हुई है।

कौन है डॉक्टर डीके जैन

पशु चिकित्सा विभाग के प्रभारी उप संचालक के पद पर पदस्थ डॉ डीके जैन वेटरनरी सर्जन है। पशु चिकित्सालय सैलाना में लंबे समय तक पदस्थ रहे डॉ डीके जैन पर सैलाना क्षेत्र में भी पशु बीमा क्लेम और विभागीय योजनाओं के प्रकरण पास करवाने के आरोप लगे थे। जिसके बाद जिला मुख्यालय पर संचालक का पद रिक्त होने पर डॉ जैन को उप संचालक पद का प्रभार दिया गया था। कुछ महीनों बाद उप संचालक पद पर डॉ एमके शर्मा को पदस्थ किया गया। इस दौरान डॉ जैन को मुख्य ग्राम योजना में एबीपीओ पर पदस्थ किए गए। लेकिन अगस्त 2022 में भोपाल से जारी विभागीय आदेश में डॉक्टर एमके शर्मा को स्थानांतरित कर फिर से डॉक्टर डीके जैन को प्रभारी उपसंचालक बना दिया गया। जबकि नियमानुसार सेवानिवृत्ति के 1 वर्ष की अवधि के पूर्व बिना किसी गंभीर शिकायत के कर्मचारी या अधिकारी को स्थानांतरित नहीं किया जाता है। वहीं, रतलाम जैसे बड़े जिला मुख्यालय पर प्रभारी उपसंचालक की नियुक्ति करना भी सवालों के घेरे में थी। प्रभारी उपसंचालक का पद मिलते ही डॉ डीके जैन ने रतलाम ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना के द्वारा अनुशंसा किए जाने का पत्र सोशल मीडिया ग्रुप पर 

पोस्ट कर सभी कर्मचारियों को यह मैसेज दिया कि वह किस प्रक्रिया के तहत प्रभारी उपसंचालक बने है। उपसंचालक बनने के 8-9 माह के भीतर ही दर्जनों ट्रांसफर और अटैचमेंट डॉ जैन ने ऑन रिकॉर्ड किए हैं। इस कार्यकाल में डॉक्टर डीके जैन पर कर्मचारियों से रुपए मांगने, कार्यालय के कंप्यूटर, इनवर्टर ,बैटरी और अन्य सामान कबाड़ में नियम विरुद्ध बेचने के आरोप भी लगे हैं।

तनख्वाह निकालने के लिए मांगे रुपए

शिकायतकर्ता धीरेंद्र पाल ने बताया कि उसके मई माह के वेतन निकालने के लिए पहले डॉक्टर जैन ने उससे ₹500 ले लिए। जिसके बाद भी तनख्वाह नहीं निकलने पर डॉक्टर जयंत से फोन पर संपर्क किया गया तो उनके द्वारा ₹2000 की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर 10 दिन की तनख्वाह कट जाने की बात भी प्रभारी उप संचालक ने कही। जिसके ऑडियो प्रमाण के साथ विभाग और लोकायुक्त में शिकायत की थी। वहीं विभाग के एक अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लक्ष्मण प्रजापत से भी डॉक्टर जैन ने एरियर की राशि निकालने के नाम पर 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की जिसकी शिकायत करने पर प्रभारी उप संचालक ने संबंधित अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी कर निलंबित कर देने की धमकी भी दी।

सेवानिवृत्ति की राशि और पीएफ के लिए मांगे रुपए

नवंबर 2021 में सेवानिवृत्त हुए एवीएफओ डॉ एपीएस राठौर से डॉक्टर जैन ने सेवानिवृत्ति पर मिलने वाली राशि और पीएफ की राशि निकलवाने के लिए 10 हजार रुपये की मांग की गई। सेवानिवृत्ति के पूर्व ही गणना पत्रक और हिसाब बनाने के लिए अन्य विभाग के बाबू को पारितोषिक देने के नाम पर 5 हजार डॉ जैन द्वारा लिए गए। जिसके बाद भी भुगतान में लगातार विलंब किया गया। रुपए नहीं दिए जाने पर पीएफ गणना पत्रक के सही आंकड़े नहीं भेज कर प्रकरण में लगातार विलंब करवाया गया। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और जनसुनवाई में शिकायत किए जाने पर डॉक्टर जैन द्वारा गलत जानकारी देकर शिकायतों को बंद भी करवा दिया गया।

एरियर की राशि निकालने के लिए मांगे रुपए

2016 में सेवानिवृत्त हो चुके एवीएफओ डॉ सी एल लाड ने बताया कि सेवानिवृत्त होने के 30 वर्ष की क्रमोन्नति के एरियर की राशि शासन द्वारा स्वीकृत होने के बाद उप डॉ डीके जैन द्वारा नहीं निकाली गई और रुपयों की मांग की गई। रुपए नहीं देने पर महीनों तक ऑफिस के चक्कर लगाने पड़े। विभाग और जनसुनवाई में भी डॉ जैन के द्वारा रुपए मांगे जाने की शिकायत की लेकिन सुनवाई नहीं होने से निराश होकर अंत में डॉ जैन को ₹5000 देने पर ही राशि प्राप्त हो सकी।

आरटीआई लगाई तो प्रतिबंधित किया कार्यालय में प्रवेश

मई 2022 में सेवानिवृत्त एवीएफओ डॉ रवि भार्गव ने सेवानिवृत्ति के बाद विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई तो डॉक्टर डीके जैन ने उनका कार्यालय में प्रवेश ही प्रतिबंधित कर दिया। डॉ रवि भार्गव ने आरटीआई के तहत विभाग के खरीदी और बिक्री सहित अन्य रिकॉर्ड की जानकारी मांगी तो डॉ डीके जैन ने उन्हें आरटीआई का जवाब यह कह कर देने से मना कर दिया कि सेवानिवृत्त कर्मचारी को विभागीय जानकारी नहीं दी जा सकती है। वहीं, पशु चिकित्सा विभाग के कार्यालय में प्रवेश नहीं करने की धमकी भी डॉक्टर जैन द्वारा दी गई।

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