कसरावद। विश्व आदिवासी दिवस पर सोशल मीडिया पर चार रोज पहले से आदिवासी दिवस के शुभकामना संदेश चल रहे हैं। पढ़े-लिखे आदिवासी भाई, अन्य समुदाय बंधु, सरकारी अफसर, और नेता गण शुभकामना संदेश प्रसारित कर रहे हैं। लेकिन क्या आदिवासी समाज की स्थिति बेहतर हुई है। शायद ही जवाब मिले खरगोन जिला आदिवासी क्षेत्र घोषित है। आधे विधानसभा क्षेत्र भी आदिवासी आरक्षित है। ग्राम पंचायतों से लेकर जिला पंचायत तक पदाधिकारी भी हैं। फिर भी आदिवासी बहुल क्षेत्र भगवानपुरा झिरनिया जैसे अन्य क्षेत्रों से आए हुए आदिवासी भाई-बहन खरगोन वेयरहाउस पर 2 बोरी यूरिया के लिए महिला पुरुष कालेज में पढ़ने वाले, स्कूली छात्र-छात्राएं छोटे-छोटे बच्चे आपको लाइन में लगे हुए दिखेंगे। वैसे तो हर वर्ग के किसान यूरिया के लिए लाइन में लगे हुए मिल जाएंगे। लेकिन दूर अंचल से आए आदिवासी भाई बहन आपको अधिकांश मिलेंगे। दुरांचल में सोसाइटियों में यूरिया खाद पहुंच भी रहा है कि नहीं पहुंच रहा है? तो वहां किसान क्यों नहीं ले पा रहे हैं कई कारण हो सकते हैं समस्या पिछले कई वर्षों से जस की तस बनी हुई है। यह फोटो और वीडियो कल शाम आदिवासी दिवस की पूर्व संध्या 5रू00 बजे के हैं ।